2019 के लोकसभा चुनावों के पहले हुए राज्य सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत से जीत मिली थी। इसके बाद हुए विधान परिषद के चुनावों में भी भाजपा की ही परचम लहराया था। 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले भारतीय जनता पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश में ये एक बड़ी जीत माना जा रहा है। एक तरफ भाजपा जहाँ एक के बाद एक जीत से खुश है तो वहीँ विपक्ष को लोकसभा चुनावों के लिए बड़ा झटका लगता हुआ दिख रहा है। विपक्ष के 1 MLC की सदस्यता जाने की खबरें चल रही हैं।
कांग्रेस देगी नोटिस :
यूपी के विधान परिषद में कांग्रेस से MLC दिनेश प्रताप सिंह की सदस्यता खत्म करवाने का नोटिस देने की कांग्रेस तैयारी कर रही है। कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने दिनेश प्रताप सिंह के बीजेपी में शामिल होने पर कहा कि यह नोटिस दल-बदल कानून के तहत दिया जाएगा। मौजूदा समय में 2/3 लोगों से कम के दल छोड़कर जाने पर दल बदल कानून के तहत उनकी सदस्यता खत्म हो जाती है। हालांकि यह बयान जारी होने के बाद भी कांग्रेस की तरफ से ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया गया कि दिनेश और उनके भाई अवधेश सिंह को कांग्रेस से निकाला गया है। इसके पहले ही दिनेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा तकरीबन एक सप्ताह पहले कर दी थी।
कांग्रेस विधायक पर बना संशय :
MLC दिनेश प्रताप सिंह के भाजपा ज्वाइन करने के समय उनके भाई और कांग्रेस विधायक राकेश सिंह कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे। बड़े भाई के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस उनको लेकर दुविधा में फंसी हुई है। ऐसे में कांग्रेस उन्हें अगर उन्हें पार्टी से निकाल देती है तो उनके बीजेपी में जाने के रास्ते खुल जाएंगे जबकि कार्रवाई न करने की सूरत में वह कांग्रेस के लिए विश्वसनीय रहेंगे भी या नहीं ये बड़ा सवाल है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जीशान हैदर ने शनिवार को कहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अपने उस बयान के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगें, जिसमें उन्होंने प्रदेश को गुंडों के नाम से जाना जाने वाला राज्य कहा है।