सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद यूपी के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के अपने सरकारी बंगले खाली कर दिए थे। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर कोई न कोई रास्ता निकालने की बहुत कोशिश की गयी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आगे किसी की एक न चल सकी। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों ने तो अपने बंगले खाली कर दिए हैं लेकिन कांग्रेस नेता और बाहुबली प्रमोद तिवारी की विधायक बेटी ने विधानसभा सदस्य के रूप में आवंटित पहले का सरकारी बंगला अभी तक खाली नहीं किया है। इसे लेकर अब तक योगी सरकार ने चुप्पी साध रखी है।
प्रमोद तिवारी को मिला था बंगला :
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी के 2014 में राज्यसभा सदस्य बनने के बाद हुए उपचुनाव में उनकी बेटी आराधना मिश्रा 16वीं विधानसभा में विधायक बनी थी। इसके तहत प्रमोद तिवारी का तत्कालीन सरकारी बंगला उनकी बेटी आराधना मिश्र उर्फ़ मोना को आवंटित कर दिया गया था। इसके बाद 17वीं विधानसभा में फिर से चुनाव हुए और आराधना मिश्रा को विधायक बनने का अवसर प्राप्त हुआ। फिर से विधायक बनने के बाद आराधना मिश्रा को लखनऊ में बौद्ध विहार कॉलोनी में दूसरा सरकारी बंगला आवंटित किया गया लेकिन इसके बाद भी उन्होंने पूर्व में आंवटित 4, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित सरकारी बंगला खाली नहीं किया।
बंगले पर लगी है नेम प्लेट :
लखनऊ के लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित आवास संख्या 4 पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी और उनकी विधायक बेटी आराधना मिश्रा की नेम प्लेट लगी हुई है। एक तरफ सांसद प्रमोद तिवारी और दूसरी तरफ सदस्य विधान सभा आराधना मिश्रा (मोना) की नेम प्लेट लगी हुई है। गौरतलब है कि कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी पूर्व राज्यसभा सांसद हैं। उनकी सदस्यता इसी साल खत्म हुई है।
राज्य संपत्ति विभाग ने माना अवैध कब्जा :
उत्तर प्रदेश राज्य संपत्ति विभाग ने आरटीआई के द्वारा बताया कि विधानसभा सदस्य आराधना मिश्रा द्वारा किए गए अनुरोध के क्रम में कार्यालय ज्ञाप दिनांक 26-9-2017 आईजीआरएस द्वारा आवास संख्या 4 लाल बहादुर शास्त्री मार्ग को आवंटित किए जाने का औचित्य नहीं पाया गया है। इससे स्पष्ट है कि लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित आवास संख्या 4 पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है।
लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित बंगला बौद्ध विहार स्थित आवास से काफी बड़ा और माल एवेन्यू जैसी अच्छी लोकेशन पर स्थित है। यही कारण है कि कांग्रेस विधायक ने अब तक ये बंगला खाली नहीं किया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि भाजपा सरकार कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी और उनकी विधायक बेटी आराधना मिश्रा के अवैध रूप से काबिज इस सरकारी बंगले को कब खाली कराएगी।