2019 के लोकसभा चुनावों की सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। इस बार के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में महागठबंधन बनाये जाने की कोशिशें चल रही है। इस महागठबंधन में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी के अलावा कांग्रेस के शामिल होने की चर्चाएँ हैं। हालाँकि अभी तक इसके बारे में कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है। अगर ये महागठबंधन बनता है तो इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण पीएम मोदी की वाराणसी सीट होगी जिस पर कई पार्टियाँ अपना दावा ठोंक रही हैं।
सपा-बसपा को मिलेंगी ये सीटें :
महागठबंधन होने पर बसपा के हिस्से में पूर्वांचल की महाराजगंज, संतकबीर नगर, बस्ती, देवरिया, घोसी और डुमरियागंज सीट मिल सकती है। वहीँ महाराजगंज से गणेश शंकर पांडेय को टिकट मिलना लगभग तय है। इसके अलावा सपा को उपचुनाव में मिली जीत के बाद गोरखपुर और फूलपूर सीट मिलनी तय है। इसके अलावा बांसगांव, सलेमपुर, बलिया, आजमगढ़ और भदोही सीट सपा के हिस्से में आ सकती है। सपा के हिस्से वाली सीट से ही निषाद पार्टी को एक या दो सीटों पर चुनाव लड़ाया जा सकता है।
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वाराणसी से लड़ सकती हैं कांग्रेस :
उत्तर प्रदेश में बनने वाले महागठबंधन में अगर कांग्रेस भी शामिल हुई तो उसे वाराणसी की सीट मिलनी तय है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस यहाँ से तीसरे नंबर पर थी। दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल रहे थे। इसके अलावा कुशीनगर सीट भी कांग्रेस को को दी जा सकती है। कुशीनगर से कांग्रेस के पूर्व गृह राज्य मंत्री कुंवर आरपीएन सिंह का टिकट लगभग तय है। उन्होंने तो बाकायदा इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है।