जैसे-जैसे विधान सभा चुनाव 2017 नजदीक आ रहा है। वैसे ही बड़े नेताओं के साथ छोटभैये नेता भी राजनीति में सक्रिय होते दिख रहे हैं। इन छोटभैये नेताओं की राजनीति कितनी सफल हो पाती है यह तो आने वाला वक्त बतायेगा। बता दें रायबरेली के सदर विधान सभा क्षेत्र के विधायक अखिलेश सिंह अपनी बेटी अदिति सिंह को राजनीति में उतारने, सोशल मीडिया के प्रति लोगों को जागरूक करने और इसके दुरुपयोग करने पर रोक लगाने के उद्देश्य से शुक्रवार को राजधानी के यूपी प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता बुलाई।
सोशल मीडिया का दुरूपयोग रोकने की मांग
- कांग्रेस 28 साल की अदिति को राजनीति में बदलाव की धुरी मानती हैं।
- पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने सोशल मीडिया के दुरूपयोग पर रोक लगाने की मांग की है।
- अदिति ने कहा कि विधानसभा चुनावों में युवाओं का अहम रोल होगा इसलिए युवाओं को सोच समझ कर फैसला लेना होगा।
- युवाओं को सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से बचकर किसी भी मैसेज को आगे बढ़ाने के लिए उसकी सत्यता की जांच कर लें फिर आगे बढ़ाएं।
- इससे विवाद तो थमेगा ही साथ ही गलत मैसेज भी रुक जायेगा।
- उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय तो बनवाये गए हैं लेकिन उनके प्रयोग के तरीके किसी को नहीं पता हैं।
- साथ ही पानी की भी व्यवस्था नहीं है।
- अदिति ने जोर देते हुए कहा सरकार को स्वच्छता अभियान का मीडिया में प्रचार करने से बेहतर होगा कि नुक्कड़ नाटक और स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से जमीनी स्तर पर करने की जरूरत है।
कौन हैं अदिति?
- बता दें कि रायबरेली से पांच बार विधायक रह चुके अखिलेश सिंह मैनेजमेंट में स्नातक अदिति सिंह ने पिछले दिनों ही आधिकारिक रूप से कांग्रेस की सदस्यता ली थी।
- अदिति को कांग्रेस एक मजबूत युवा चेहरे के तौर पर देख रही है।
- अदिति सिंह के लिए रायबरेली सदर सीट घर की सीट नहीं है बल्कि पार्टी के रूप में भी उनके परिवार की घर वापसी हुई है।
- बताते चलें कि आपराधिक इतिहास के कारण साल 2003 में उनके अखिलेश सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।
- लेकिन 13 साल बाद उनकी फिर से कांग्रेस में वापसी हो गई। वैसे अदिति के पिता बाहुबली हैं जिन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस और गांधी परिवार के खिलाफ जमकर जहर उगला था।
- लोगों का मानना है कि अदिति को कांग्रेस चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है।