मधुर भंडारकर (madhur bhandarkar) की आगामी फिल्म इंदु सरकार रिलीज़ होने से पहले ही विवादों में आ गई है. आपातकाल पर आधारित इस फिल्म को लेकर कांग्रेस नेताओं का विरोध लगातार जारी है.
लखनऊ में फूंका गया पुतला:
- कांग्रेस नेताओं का कहना है कि फिल्म के जरिये गाँधी-नेहरु परिवार की छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की जा रही है.
- आज राजधानी में इसी के विरोध में फिल्म मेकर मधुर भंडारकर का पुतला फूंका गया.
- कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंकने के बाद भंडारकर के विरोध में नारे भी लगाये.
मधुर भंडारकर के मुंह पर कालिख पोतने वाले को एक लाख:
- इस पोस्टर के जरिए उन्होंने मधुर भंडारकर के मुंह पर कालिख पोतने पर एक लाख रुपए का इनाम रखा था.
- फिल्म में नेहरु गांधी परिवार को बदनाम करने का आरोप लगाया गया था.
- पोस्टर के जरिए फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग भी की गई थी.
- पूरे प्रकरण पर मधुर भंडारकर ने ट्वीट किया था.
- उन्होंने इस प्रकार के विरोध को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया था.
- उन्होंने कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया था.
- वहीँ कांग्रेस नेता हसीन अहमद का कहना है कि मधुर भंडारकर के समर्थकों ने जान से मारने की धमकी दी.
- यह धमकी उन्हें ट्विटर पर मिली थी.
- मधुर भंडारकर की फिल्म इंदु सरकार में कीर्ति कुल्हारी और नील नितिन मुकेश मुख्य भूमिका में हैं.
‘इंदु सरकार’ को लेकर विवाद :
- फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर की फिल्म ‘इंदु सरकार’ को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है.
- मुंबई कांग्रेस के संजय निरुपम ने सीबीएफसी के चेयरमैन पहलाज निहलानी को पत्र लिखा है.
- इसमें उन्होंने फिल्म ‘इंदु सरकार’ रिलीज़ होने से पहले देखने की मांग की है.
- इस पत्र में फिल्म देखने का कारण यह दिया गया है कि ट्रेलर के मुताबिक फिल्म आपातकाल पर आधारित है.
- एेसे में फिल्म में एेसा न हो कि इंदिरा गांधी, संजय गांधी और इंडियन नेशनल कांग्रेस के बाकी लीडर्स की छवि को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाए.
- संजय नें पत्र में कहा कि वह कांग्रेस नेताओं के सभी पात्रों को देखना चाहते हैं
अपातकाल पर आधारित है फिल्म ‘इंदु सरकार’ :
- फिल्म इंदु सरकार आपातकाल की घटना पर आधारित है जिसके कारण फिल्म विवादों में है.
- इसको लेकर निर्देशक मधुर भंडारकर ने कहा कि आपातकाल पर सोशल मीडिया पर बहुत सारा साहित्य मौजूद है.
- आगे कहा कि जब उन पर विरोध नहीं दर्शाया गया तो उनकी फिल्म को क्यों निशाना बनाया जा रहा है.
- मधुर भंडारकर ने यह भी कहा कि वह कभी भी किसी किताब या फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के विरोध में नहीं रहे है.
- कहा इसी उन्होंने ‘ए दिल है मुश्किल’ के समय भी फिल्म का पक्ष लिया था.