- उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर कोतवाली का देर शाम रिश्वत खोरी का वीडियो वायरल होते ही महकमें में हडकंप मच गया.
- जहां एक तरफ कोतवाली परिसर में सीओ सिटी श्याम देव बिंद व नगर कोतवाल नंद कुमार तिवारी समीक्षा कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ नगर कोतवाल के सिपेह-सालार ई-रिक्शा रिलीज करने के एवज में खुलेआम घूस लेते कैमरे में कैद हो गये.
सिपाही ले रहा था घुस और कोतवाल कर रहे थे मौके का निरीक्षण:
- मामला मीडिया की सुर्खियां बना और डीजीपी ओपी सिंह ने संज्ञान लेते हुए सुल्तानपुर पुलिस को कार्यवाही के निर्देश दिये।
- जिसे सुल्तानपुर पुलिस ने संज्ञान में लेते हुए सीओ सिटी को जांच के निर्देश जारी कर दिया.
- हैरत की बात तो यह है जिस वक्त घूस लेते हुए सिपाही वीडियो में कैद हुआ, उस वक्त मामले की जांच कर्ता खुद वहां मौजूद थे.
सिपाही पर कार्रवाई पर कोतवाल बने जांच कर्ता:
- वहीं मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए हेड कांस्टेबल राजेंद्र प्रसाद पर मुकदमा दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही शुरू कर दी गयी.
- और कोतवाल को बचाने का तानाबाना बुन गया.
- जिससे सुल्तानपुर पुलिस के सिपाही दबी जुबान से ज्यादती की कार्यवाही कर पुलिसिंग को कोसने लगे हैं.
डीजीपी के निर्देशों के सामने कोतवाल का रसूख भारी:
- ऐसे में तो साफ है कि डीजीपी लाख दावे कर लें कि थाने पर भ्रष्टाचार व गड़बड़ी की जिम्मेदारी थानेदारों की होगी लेकिन सुल्तानपुर जनपद में नगर कोतवाली का अलग हुक्म चलता दिख रहा है.
- जहां डीजीपी के आदेश पर कोतवाल का रसूख भारी पड़ता देखने को मिला.
- तभी तो जहां मुंशी पर मुकदमा लिख जेल भेजने की तैयारी है तो वहीं नगर कोतवाल नंद कुमार तिवारी अपने कुर्सी पर काबिज़ दिख रहे हैं ।
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