गाजीपुर में 29 दिसंबर को कांस्टेबल सुरेश वत्स की भीड़ ने हत्या कर दी थी
- पीएम की रैली में आने और जाने वाले थे टारगेट- प्रत्यक्षदर्शी
- गाजीपुर में 29 दिसंबर को कांस्टेबल सुरेश वत्स की भीड़ ने हत्या कर दी थी।
- निषाद समाज के लोग आरक्षण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे।
- उसी दिन ग़ाज़ीपुर में पीएम की रैली भी थी।
- रैली से ड्यूटी कर वापस जा रहे कारीमुद्दीनपुर थाने के एसओ सुधाकर राय को कंट्रोल रूम से निर्देश मिला कि नोनहरा थाने के अटवा मोड़ पर कुछ लोग सड़क जाम कर धरना प्रदर्शन कर रहे है।
- वहां जाकर उनको समझा बुझाकर उनको शांत करायें पर पुलिस के पहुचने के बाद भी भीड़ इतनी उग्र हुई कि एक सिपाही सुरेश वत्स को घेरकर मार डाला।
सुरेश करीमुद्दीनपुर थाने में तैनात था
- घटना के दो दिन बाद आज घटना के प्रत्यक्षदर्शी सामने आये और घटना को विस्तार से बताया।
- घटना स्थल से ठीक सटे एक मंदिर के पुजारी ने बताया की उस दिन कई हजार लोग प्रदर्शन तो कर रहे थे, आरक्षण की मांग को लेकर कर रहे थे।
- पर उनका मुख्य टारगेट पीएम मोदी की रैली में जाने और रैली से वापस आने वाले लोग और गाड़ियां थे।
- पुजारी ने बताया कि ये लोग योगी मुर्दाबाद और मोदी मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे।
- प्रत्यक्षदर्शी पुजारी ने बताया कि कांस्टेबल को भीड़ ने घेर लिया था और उसे उतने पत्थर मारे की वो यहीं मरणासन्न हो गया था ।
- हमलोग घायल सिपाही को लेकर मंदिर के अंदर आये पर भीड़ मंदिर पर भी पत्थरबाजी कर रही थी और मंदिर में घुसना चाह रही थी।
- पर हम सभी साधु बहुत कोशिश कर उनको रोक पाये।
- बाद में और फोर्स के आने के बाद किसी तरह उसे अस्पताल के लिए रवाना किया गया पर यहीं पर उसका शरीर पीला पड़ चुका था।
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