राजधानी लखनऊ के बीकेटी क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत किशनपुर खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान रामप्रकाश शौचालयों के निर्माण के लिए शासन से आये धन के आपसी बन्दरबांट के चलते स्वच्छता अभियान को पलीता लगाते हुए ग्राम पंचायत में बनाये जा रहे शौचालयों में पीली ईंटों एवं घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। धनराशि लाभार्थियों के खातो में न भेजकर ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा लाभार्थियों से बेयरर चेक पर हस्ताक्षर करवाकर खुलेआम शौचालयों के धन का गोलमाल किया जा रहा है। शिकायतों के बाद भी खंड विकास अधिकारी उक्त प्रकरण में कार्रवाई करने के बजाय ग्राम प्रधान व सचिव का खुला सहयोग कर रहे हैं। जिससे अधिकारियों के प्रति ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

ग्राम पंचायत में होना है 150 शौचालयों का निर्माण

स्वच्छता अभियान के तहत ग्राम पंचायत में 150 शौचालयों का निर्माण होना है। इन शौचालयों के निर्माण का कार्य भी तेजी से शुरू हो चुका है। लेकिन खण्ड विकास अधिकारी, सचिव व ग्राम प्रधान की खाऊ कमाऊ नीति के आगे गांव में स्वच्छता अभियान परवान चढ़ नहीं पा रहा है। बल्कि स्वच्छता अभियान को गति देने वाले ही जिम्मेदार अभियान को पलीता लगाने में अग्रसर है।

लाभार्थी किरण पत्नी स्वर्गीय केशव मौर्य तथा यतींद्र कुमार पुत्र खुरई व गयादीन पुत्र मंगल, नन्हा पुत्र शंतनु उमा देवी पत्नी शिवचरण संतोषी पत्नी विनोद, माया पत्नी मनोहर ने बताया कि खण्ड विकास अधिकारी, सचिव व प्रधान ने आपसी सांठ गांठ कर शौचालय निर्माण के लिए लाभार्थियों के खाते में सीधे धन न भेजकर प्रधान निर्माण का ठेका स्वयं लेकर लाभर्थियों से बेयरर चेक पर हस्ताक्षर करवाकर घटिया निर्माण सामग्री व पीली ईंट से शौचालयों का निर्माण करवा रहे हैं।

मानक के विपरीत करवाये जा रहे शौचालयों की शिकायत खण्ड विकास अधिकारी से की गई। लेकिन उन्होंने आज तक न तो जांच ही की और न कोई कार्रवाई ही की। जबकि शौचालयों के निर्माण के लिए धन सीधे लाभार्थी के खाते में आना चाहिए। लेकिन प्रधान और सचिव की संलिप्तता के चलते शौचालयों के निर्माण के लिए लाभार्थी के खातों में धन नहीं आया है। शौचालयों का निर्माण कार्य प्रधान द्वारा मानकों के विपरीत मनमाने तरीके से शुरू कर दिया गया है। स्वच्छता मिशन की धज्जियां उड़ाते हुए ब्लाक स्तरीय अधिकारी लोग केवल अपनी फोटो खिंचवाने के अलावा स्वच्छता मिशन को अपनी कमाई का जरिया बना रहे हैं।

दूसरी तरफ ग्राम पंचायत रामप्रकाश प्रधान के द्वारा बनाए जा रहे शौचालय में घटिया सामग्री व जीरो मटेरियल का प्रयोग करते हुए 10 दिन के अंदर ही शौचालय गिर गए। ग्रामीणों का आरोप है सरकार की तरफ से आने वाले 12000 हजार रुपये शौचालय के प्रधान व सचिव के द्वारा किसी भी लाभार्थी के खातों में नहीं दिया गया। बल्कि उसका बंदरबांट आपस में किया गया। कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया तो अरविंद सिंह प्रधान ने धमकी दी। ग्रामीणों ने बताया कि जो मिल रहा है वहीं लो इससे ज्यादा के चक्कर में मत पड़ो। ग्राम पंचायत किशनपुर के द्वारा दी गई शिकायत में कई लाभार्थियों ने अपने अंगूठा लगाए।

हाथ लगाने पर गिर रहा मसाला

बने हुए शौचालय में हाथ मारने पर मसाला गिर रहा है। इसकी जानकारी जब स्थानीय पत्रकारों को हुई तो वह मौके पर रियलिटी चेक करने पहुंचे। रिपोर्टर ने खुद जाकर ली जानकारी उसी दौरान रिपोर्टर को भी धमकाया। खबर छपी भ्रष्टाचारियों ने तो जान से मारने की धमकी भी दे डाली। बताया जा रहा है कि निर्माण में मौरंग का इस्तेमाल ही नहीं किया गया। बालू लगाकर शौचालय को बनाया गया। ग्राम पंचायत में 10 दिन पूर्व बने शौचालयों में से 5 शौचालय अपने आप गिर गए। बीकेटी उप जिलाधिकारी निधि गुप्ता ने बताया कि जांच कर उचित कार्रवाई कराई जाएगी। ऐसी गड़बड़ी पाई गई तो दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें