प्रदेश की बिजली कम्पनियों (power companies) द्वारा प्रदेश के लगभग 1 करोड 79 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को उनके द्वारा जमा की गयी सिक्योरिटी पर वर्ष 2016-17 का ब्याज न दिये जाने के विरोध में उ0 प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा द्वारा उ0प्र0 विद्युत नियामक आयोग में 28 जून को दाखिल जनहित प्रत्यावेदन पर नियामक आयोग अध्यक्ष देश दीपक वर्मा व सदस्य एस0के0 अग्रवाल ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
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यह दिये गये हैं निर्देश
- जिसमें पावर कार्पोरेशन के प्रबन्ध निदेशक को यह निर्देश दिये गये हैं कि अविलम्ब सभी बिजली कम्पनियों को इस आशय का निर्देश भेजें कि सभी विद्युत उपभोक्ताओं को अविलम्ब उनके द्वारा जमा सिक्योरिटी पर विद्युत वितरण संहिता 2005 की धारा-4.20(प) के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक की 01 अप्रैल को जो बैंक दर है, उसके अनुसार अविलम्ब ब्याज दें।
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- नियामक आयोग द्वारा जारी निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि विद्युत वितरण संहिता 2005 के प्राविधानानुसार प्रत्येक वर्ष अप्रैल, मई व जून में विद्युत उपभोक्ताओं को रिजर्व बैक की दर पर ब्याज उनके बिलों में समायोजित हो जाना चाहिए।
- इसके लिये प्रत्येक वर्ष बिजली कम्पनियों के लिये आयोग द्वारा अलग से कोई निर्देश जारी नहीं किये जायेंगे।
- जब तक प्राविधानों में कोई बदलाव न किया जाये, तब तक प्रत्येक वर्ष इस आदेश के तहत उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी पर ब्याज बिजली कम्पनियों को हर हाल में देना है।
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7.75 प्रतिशत ब्याज देना होगा
- उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्ष 2016-17 में बिजली कम्पनियों को प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को 7.75 प्रतिशत ब्याज देना होगा क्योंकि 1 अप्रैल को भारतीय रिजर्व बैंक की दर यही थी।
- उदाहरण के तौर पर घरेलू विद्युत उपभोक्ता जिन्होंने 1 किलो वाट पर रू0 350 सिक्योरिटी जमा की है, उन्हें लगभग 27 रूपये 12 पैसे का ब्याज मिलेगा।
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- उसी प्रकार वाणिज्यिक विद्युत उपभोक्ताओं जिनसे 1 किलो वाट पर रू0 1000 प्रति किलोवाट सिक्योरिटी जमा करायी गयी है, उन्हें 77 रूपये 50 पैसा का ब्याज मिलेगा।
- इसी प्रकार निजी नलकूप जिनसे प्रति हार्सपावर 300 रू0 सिक्योरिटी जमा करायी गयी है, उन्हें 23 रूपये 25 पैसे का ब्याज मिलेगा।
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- इसी प्रकार जिन उपभोक्ताओं द्वारा नयी दरों के हिसाब से सिक्योरिटी राशि जो बाद में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिये थोड़ा कम की गयी थी, उसके अनुसार उन्हें ब्याज मिलेगा।
- चूंकि आयोग द्वारा आदेश में तुरन्त सिक्योरिटी पर ब्याज देने के आदेश दिये गये हैं, इसलिए हर हाल में जुलाई व अगस्त के महीने में बिजली कम्पनियों को उपभोक्ताओं के बिलों में ब्याज समायोजित करना होगा।
- विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा दाखिल एआरआर पर नजर डालें तो प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा जो कुल सिक्योरिटी बिजली कम्पनियों के पास जमा की गयी है वह लगभग वर्ष 2017-18 में लगभग 271 करोड़ है।
- उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि जिन विद्युत उपभोक्ताओं को वर्ष 2015-16 में भी ब्याज नहीं दिया गया है (power companies) उस दौरान रिजर्व बैंक की दर 8.50 थी, ऐसे में उसके अनुसार विद्युत उपभोक्ताओं को लाभ देना होगा।