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बाराबंकी: लगातार बढ़ रहा घाघरा का प्रकोप, स्कूल की छतों पर रहने को मजबूर ग्रामीण

continuous increase in ghaghra river make villagers to stay on school roofs

continuous increase in ghaghra river make villagers to stay on school roofs

सिरौलीगौसपुर और पूरे डलई ब्लॉक के दर्जनों गांवों में घाघरा नदी का जलस्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. जिससे आसपास के कई गांव के अस्तित्व पर खतरा बरकरार है. तटबंध और नदी के बीच में बसे कई गांव जैसे कि करौनी, तिलवारी, गौरी का पुरवा आदि गांव अब भी बाढ़ की चपेट में हैं. जहां पर रह रहे ग्रामीणों की दशा काफी दयनीय हैं.

खाना ,सोना सब फर्नीचर पर:

गांव में घुटनों तक पानी भरा हुआ है लोग स्कूल की छतों पर रहकर किसी प्रकार गुजारा कर रहे हैं.

कई ग्रामीणों की तो यह स्थिति आ गई कि वह बांध पर रहने को विवश है उनके घरों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है.

जानवरों के लिए चारे की व्यवस्था नहीं हो पा रही है,

Barabanki: लगातार बढ़ रहा घाघरा का प्रकोप, स्कूल की छतों पर रहने को मजबूर

स्थानीय निवासी अनिल कुमार ने बताया कि चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है,

ऐसे में पालतू जानवरों की चारे की व्यवस्था  नहीं हो पाती !

घाघरा नदी के जलस्तर बढ़ने से करौनी गांव के लोग बेंच पर खाना बनाते हैं।

क्योंकि घरों में घुटनों तक पानी भरा है।

आस पास के कई गांवों में अभी तक राहत सामग्री एक महीने में केवल एक बार ही पहुंच सकीं है।

जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी बने मूकदर्शक ?

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की रियलिटी चेक करने UttarPradesh.org की टीम जब उन गांव में पहुंची जो तटबंध के किनारे पर बसे हुए थे.

तो वहां का नजारा देख पैरों तले से जमीन खिसक गई,  क्योंकि गांव में जिस प्रकार का मंजर दिखाई पड़ रहा था,

उससे यही लग रहा था कि यहां पर रहने वाले काफी दुर्दशा का शिकार है.

स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हमें अब तक किसी प्रकार की प्रशासनिक मदद नहीं मिली है, और ना ही यहां पर कोई देखने आता है.

अधिकारी बंधे पर अपनी गाड़ियों से निकल जाते हैं. गांव कि ओर कभी रुख नहीं करते वही तिलवारी गांव का जो मुख्य रास्ता था।

वहां पर बनाया गया पुल बाढ़ में बह गया जिसकी वजह से गांव का रास्ता पूरी तरह बाधित है,

बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे क्योंकि छोटे-छोटे मासूम बच्चे  घाघरा नदी से आई प्रलय को  देखकर डर जाते हैं.

ग्रामीणों ने निकलने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था से एक पतला सा बिजली का खंभा रखा हुआ है.

जिस पर चलकर ग्रामीण आते जाते वही कई ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इस खम्भे पर से कई महिलाएं व बच्चे पानी में गिर चुके हैं.

कई बार इसकी शिकायत बाढ़ क्षेत्रों में लगे अधिकारियों से की गई मगर कोई व्यवस्था नहीं हो पाई, विवश आंखों से हमें प्रशासन की कार्यवाही का इंतजार है.

इनपुट: दिलीप तिवारी

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