राहुल गांधी के अमेठी आगमन से एक दिन पहले देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक विवादित पोस्टर अमेठी में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमे पीएम मोदी को दसानन के रूप में दिखाया गया है और कॉंग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तीर कमान के साथ दिखाई दे रहे है हालांकि चुनावों में मुद्दों की लड़ाई के साथ-साथ पोस्टरों की लड़ाई देखना खासा दिलचस्प रहता है। 33 करोड़ देवी देवताओं के इस देश में भगवतभक्ति खूब नजर आती है । भक्तों का मन देवपूजा से शायद नहीं भरता, इसलिए पोस्टरों में नेताओं को विभिन्न अवतारों के रूप में दिखाकर अपनी भक्ति साबित की जाती है केवल देवता ही नहीं, फिल्मों के कैरेक्टर के रूप में भी नेताओं को दिखाया जाता है हालांकि इन पर विवाद भी खूब होते हैं और कई बार कानून की सख्ती भी झेलनी पड़ती है लेकिन व्यक्तिपूजा का जोर कुछ ऐसा है कि कोई उपाय कारगर नहीं दिखता।
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क्या है मामला-
जानकारी के अनुसार ये विवादित पोस्टर अमेठी के गौरीगंज स्टेशन पर चस्पा है। जिसमे पीएम मोदी को दशासन के रूप दिखाया गया है, और तीर कमान लिए कॉग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भगवान राम का अवतार बताते हुए, 2019 में राहुल राज्य आने की बात कही गयी है। राहुलगांधी के अमेठी आगमन से एक दिन पूर्व सोशल मीडिया पर वायरल ये विवादित पोस्टर एक बार फिर सियासी हवा दे सकता है, हालांकि हम इस वायरल पोस्टर की किसी भी तरीके समर्थन या पुष्टि नही करते और न ही हम किसी भी राजनीतिक पार्टी को किसी तरह का ठेस पहुचाना चाहते है ।
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ये पोस्टर भी रहे चर्चा में –
विगत वर्ष में अमेठी में कॉग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को जनेऊधारी हिन्दू,शिवभक्त,और परसुराम का वंशज बताया गया था वही दूसरी ओर बनारस में भाजपा के केशव प्रसाद मौर्य को कृष्ण भगवान के रूप में दिखाया गया था, जबकि यूपी को द्रौपदी और अखिलेश यादव, मायावती, राहुल गांधी, आजम खां और ओवैसी को दु:शासन के रूप में यूपी की साड़ी खींचते हुए दिखलाया गया था पोस्टर के नीचे में लिखा था कि कलियुग में केशव केवल उपदेश नहीं देते बल्कि रण में भी उतरते हैं।
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