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सीएम के कार्यक्रम में वरिष्ठ लिपिक ने किया आत्मदाह का प्रयास

Cop Attempt To Self Immolation in CM Yogi Program

Cop Attempt To Self Immolation in CM Yogi Program

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर के बाहर एक व्यक्ति पेड़ पर चढ़ गया था और अपने गले में रस्सी बांध ली थी। पुलिस ने किसी तरह मनाकर उसे उतारा था। इस घटना के 24 घंटे के भीतर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में एक बार फिर भारी चूक सामने आई। मुख्यमंत्री आलमबाग क्षेत्र में कारागार मुख्यालय के नए भवन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। जिस सभागार में मुख्यमंत्री का संबोधन होना था वहां डीआईजी (कारागार) फैजाबाद रेंज के कार्यालय में संबद्ध वरिष्ठ लिपिक रीउत राम बोतल में मिट्टी का तेल लेकर पहुंच गया। वह मुख्यमंत्री से लगभग 12 फिट की दूरी पर बैठा था। मुख्यमंत्री ने जैसे ही अपना भाषण शुरू किया कुछ देर के बाद रीउत खुद पर मिट्टी का तेल उडे़ल लिया और जेब से माचिस निकाल कर आग लगाने का प्रयास करने लगा।

इसी दौरान सुरक्षा में तैनात इंस्पेक्टर सरोजनीनगर राम सूरत सोनकर ने फुर्ती दिखाते हुए रीउत को पकड़ लिया और अन्य सुरक्षा कर्मियों की मदद से उसे सभागार से बाहर कर दिया। भाषण दे रहे मुख्यमंत्री भी कुछ पलों के लिए रुके लेकिन फिर उन्होंने अपना भाषण जारी रखा। जिस समय यह घटना हुई उस समय मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार और डीजीपी ओम प्रकाश सिंह भी मौजूद थे। सुरक्षाकर्मी उसे आलमबाग थाने ले गए जहां पुलिस ने उससे लंबी पूछताछ की।

पुलिस ने उसका मेडिकल भी कराया। बाद में उसे जेल मुख्यालय लाया गया जहां पर एडीजी जेल चंद्र प्रकाश ने उससे पूरे मामले की जानकारी ली और कल सुबह सभी पत्रावली के साथ कार्यालय में बुलाया है। एडीजी जेल चंद्र प्रकाश ने बताया कि मूल रूप से बलिया के निवासी रीऊत का प्रकरण पांच वर्ष से लंबित है। 2013 में देवबंद सब जेल में तैनाती के दौरान तत्कालीन जेलर गोविंद राम वर्मा ने इसके खिलाफ मुख्यालय पर शिकायत की थी और रीउत की तैनाती से जेल की सुरक्षा का खतरा बताया था।

जेलर की रिपोर्ट पर रीउत के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हुई थी। बार बार बुलाए जाने पर भी रीउत की ओर से जवाब नहीं दिया गया तो बीते मई माह में उसके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करते हुए दोषी मान लिया गया। सजा के निर्धारण के लिए जब पत्रावली एडीजी के पास पहुंची तो उन्होंने उसे जवाब देने का एक और मौका दिया। लेकिन इस बार उसने जवाब देने के बजाए उल्टा जेलर द्वारा लगाए गए आरोपों का सुबूत मांगने लगा। अपना पक्ष रखने के लिए रीउत फैजाबाद से अनुमति लेकर यहां आया था।

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