उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र स्थित मिसलगढ़ी (आकाश नगर) में बीते रविवार दोपहर पांच मंजिला निर्माणाधीन बिल्डिंग भरभरा कर गिर गई। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ ने रात करीब 3 बजे तक 11 लोगों को निकाल लिया था। इस तरह घायलों की संख्या बढ़कर 9 हो गई, जबकि राजेश नाम के युवक और एक 7-8 साल के बच्चे की मौत हो गई। बच्चे का नाम सागर बताया जा रहा है। इस घटना के होते ही तमाम मीडिया और टीवी चैनलों ने घटना को दिखाना शुरू किया।
मीडिया के कैमरों में उस पुलिसकर्मी का चेहरा नहीं आ पाया जिसने घटना होते ही सबसे पहले मौके पर पहुंचकर एम्बुलेंस का इंतजार किये बगैर घायल बच्चे को अपने कंधे पर लादा और अस्पताल की तरफ भाग पड़ा। जी हाँ हम बात कर रहे हैं उप निरीक्षण धर्मेंद्र लांबा की। धर्मेंद्र ने सबसे पहले मौके पर पहुंचकर एक बच्चे की जान बचाई। धर्मेंद्र ने बताया कि घायल बच्चे को वह समय से अस्पताल पहुंचा सके और उसकी जान बचा ली। इस जांबाज दरोगा की फोटो अंकित तिवारी ने ट्वीट की हैं। अंकित की इन फोटो को 24 घंटे के भीतर 1000 लोगों ने लाइक और 250 से अधिक लोगों ने रीट्वीट किया है।
इन फोटो पर एसएसपी गाजियाबाद वैभव कृष्णा ने ट्वीट के रिप्लाई में लिखा है कि एसआई धर्मेंद्र लांबा के साहस और मानवता के कार्य पर हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि पूरे ऑपरेशन में सिविल पुलिस/फायर सर्विस टीम ने अनमोल जीवन बचाने के लिए एनडीआरएफ के साथ अथक रूप से काम किया। सभी को जल्द ही सम्मानित किया जाएगा।
गौरतलब है कि गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र स्थित मिसलगढ़ी (आकाश नगर) में रविवार दोपहर पांच मंजिला निर्माणाधीन बिल्डिंग भरभरा कर गिर गई थी। इस घटना में 9 लोग घायल हुए जबकि दो लोगों की मौत हुई थी। जीडीए के एक अभियंता ने इस मामले में प्लॉट मालिक दिनेश कुमार सिंह, बिल्डर मुकेश सिंह व कृष्णपाल तोमर समेत अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने करीब आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया।
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने घायल हुए पांच लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया। घटना की सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। पुलिस का कहना है कि बिलि्ंडग अवैध तरीके से बनाई जा रही थी। घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंडलायुक्त मेरठ, डीएम गाजियाबाद और एडीएम वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी है। प्रदेश सरकार ने मृतक के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की।
जिलाधिकारी ने बताया कि मनीष गोयल समेत चार बिल्डरों के नाम प्रकाश में आए हैं। सभी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई होगी। देर शाम एडीजी प्रशांत कुमार और केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह भी घटना स्थल पर पहुंचे थे।
इस हादसे में दमोह (मध्य प्रदेश) निवासी एक परिवार के गीता उसका पति राजकुमार, बेटा शिवा और सागर, मां विद्या, चाची गुलाब रानी, चाचा मुन्ना, भाई राहुल, गुलाब रानी का बेटा देवेंद्र दब गए, जबकि दूसरे परिवार के सागर (मध्य प्रदेश) निवासी अरूण उसकी पत्नी रानी, बेटा हेमराज, अभिषेक व भाई सुरेंद्र भी मलबे में दब गए। इनमें से एनडीआरएफ ने आठ लोगों को निकालकर संयुक्त जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने राहुल (35) को मृत घोषित कर दिया। गंभीर हालत में गुलाब रानी, देवेंद्र और शिवा को दिल्ली जीटीबी रेफर कर दिया। संयुक्त अस्पताल में गीता, राजकुमार और बचाने में घायल हुआ रईस का इलाज चल रहा है। देर शाम तक अन्य लोगों की तलाश जारी थी।