उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में आत्महत्याओं का दौर लगातार जारी है। पिछले दिनों आईपीएस अधिकारियों, इंस्पेक्टरों, दरोगाओं के गोली मारकर आत्महत्या करने के बाद, बाँदा जिला के कमासिन थाना परिसर में बने सरकारी आवास पर पिछली 6 सितंबर की रात्रि में एक महिला सिपाही नीतू शुक्ला (25) का शव संदिग्ध परिस्थितयों में फांसी के फंदे से लटका मिला था। इसके अलावा बाराबंकी की हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात महिला आरक्षी मोनिका ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
ये मामले तो महज बानगी भर हैं। ताजा मामला हरदोई जिला का है। यहां लाइन हाजिर चल रहे सिपाही ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी अलोक प्रियदर्शी समेत पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। फिलहाल आत्महत्या करने का कारण डिप्रेशन बताया जा रहा है। मौके पर फोरेंसिक टीम व पुलिस जांच में जुटी हुई थी। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
जानाकरी के मुताबिक, घटना रिजर्व पुलिस लाइन हरदोई की है। यहां मैनपुरी जिला का निवासी आरक्षी संदीप यादव पुलिस लाइन में अपने क्वॉर्टर में रहता था।वह पिछले 3 महीने से लाइन हाजिर चल रहा था। इसके चलते वह डिप्रेशन में था। शनिवार को संदीप का शव क्वॉर्टर में ही फंदे पर गमछे के सहारे लटका मिला। सिपाही का शव लटका मिलने से हड़कंप मच गया। आनन फानन में इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों को दी गई।
जानकारी मिलते ही मौके पर एसपी अलोक प्रियदर्शी सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। सिपाही की संदिग्ध हालात में हुई मौत चर्चा का विषय बनी हुई है। कुछ लोग हत्या करके शव लटकाने की आशंका जता रहे थे। बताया जा रहा है कि सिपाही के शव के पैर जमीन पर छू रहे थे। पुलिस ने शव को आनन-फानन में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। वहीं कुछ पुलिसकर्मियों का कहना है कि संदीप पोस्टिंग को लेकर लगातार प्रयास कर रहा था। लेकिन जब पोस्टिंग नहीं मिली तो शनिवार पुलिस लाइन में एक गमछे से लटककर आत्महत्या कर ली। सिपाही की मौत की खबर मिलते ही उसके घर में कोहराम मचा हुआ है। घरवालों ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
इनपुट- मनोज तिवारी
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