Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

यूपी सरकार की किसान कर्जमाफी योजना में पलीता, सीएम से शिकायत

corruption at high level in UP govt farmers loan waiver scheme

corruption at high level in UP govt farmers loan waiver scheme

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार किसानों का कर्जा माफ किया। ये कर्जमाफी भी आप ने देखी होगी किसी किसान का 3 रुपये कर्ज माफ़ हुआ किसी का 7 रुपये। लेकिन अब राजधानी के नागरम इलाके में हजारों किसान परेशान हैं। कुछ बैंकों की ‘बाजीगरी’ ने यूपी सरकार की किसान कर्जमाफी योजना में पलीता लगा दिया है। किसानों के खाते में कर्जमाफी का पैसा आया और ओवरड्यू जीरो हो गया। उसी दिन फिर खाते से पैसा निकल गया। वे वापस कर्जदार हो गए, जितने पहले थे। लखनऊ के नगराम में बैंक ऑफ इंडिया के एक हजार खाताधारी इस ‘खेल’ के पीड़ित हैं। प्रदेश के कई हिस्सों से किसान ऐसी शिकायत कर रहे हैं। इस संबंध में भाजपा सांसद कौशल किशोर ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से भी की है।

➡नगराम इलाके के रहने वाले विश्वनाथ और उनके पुत्र विक्रम के संयुक्त खाते में 31 मार्च 2016 तक 85,339 रुपये कर्ज था। 31 मार्च 2017 तक यह बढ़कर 94,501.34 रुपये हो गया। 31 मार्च को ही उनके खाते में यह राशि जमा हुई और कुल देय जीरो हो गया। उसी दिन यह रकम निकल गई।
➡नगराम इलाके के रहने वाले शिवदीन और उनके बेटे अवध राम के नाम से केसीसी खाता है। उन पर 31 मार्च 2016 तक 36,406.60 रुपये कर्ज था। ब्याज मिलाकर यह 43,450 रुपये हो गया। उनके खाते में 43,450 रुपये जमा हुए और उसी दिन यह पैसा खाते से निकल भी गया।
➡नगराम इलाके के रहने वाले बेचालाल और माताप्रसाद का जॉइंट अकाउंट है। बगल में पासबुक की एंट्री देखने पर साफ होता है कि उनके खाते में 77765.99 आए और उसी दिन निकल भी गए। पासबुक प्रिंटर की गड़बड़ी के कारण रकम गलत कॉलम में दर्ज है।
➡बेचा लाल के खाते में 31 मार्च, 2016 को 68, 710 कर्ज था। ब्याज जुड़ने के बाद यह 77,710 रुपये हो गया। यह राशि 31 मार्च 2017 को जमा हो गई और फिर निकल गई।

सरकार की ओर से तय मानक के मुताबिक 31 मार्च 2016 तक का किसानों का कर्ज माफ होना था। यह वह कर्ज था जो किसानों ने 31 मार्च 2017 तक चुकाया नहीं था। इस बीच, देरी के कारण जो ब्याज बना उसे भी माफ किया जाना था। लेकिन अधिकतम माफी की सीमा एक लाख रुपये तय थी। बैंक ने खातों में कर्ज की राशि जमा करने और निकालने का ‘खेल’ इसी अवधि में किया। बैंक में किसानों का बचत खाता और किसान क्रेडिट कार्ड खाता भी है।

कई के बचत खाते से रकम निकालकर केसीसी खाते में जमा कर दी गई। इससे उनका कर्ज चुक गया। उसके बाद केसीसी से रकम फिर बचत खाते में डाल दी गई। किसान वापस कर्जदार हो गए। इसी तरह कई किसानों के खाते में एक हजार या उससे भी कम जमा करवाया गया। बैंक कर्मियों ने कहा कि तुम्हारा कर्ज खत्म हो जाएगा। जबकि किसानों पर एक लाख या उससे ज्यादा का कर्ज था। उन्हें नई खाता संख्या दे दी गई पर पासबुक नहीं दी। किसानो ने पूछा तो खुलासा हुआ कि नए खाते में पुराने तुलना में ज्यादा कर्ज है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

इस संबंध में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि यदि किसान ने फॉर्म भरा है, हस्ताक्षर किए हैं और सहमति से पैसा निकला है, उसमें कुछ नहीं हो सकता। यदि पैसा बिना सहमति के निकला तो हम निश्चित जांच और कार्रवाई भी करेंगे। कृषि निदेशक सोराज सिंह का कहना है कि हम मामला डीएम की अध्यक्षता वाली समिति के हवाले कर रहे हैं। जो भी किसान दायरे में होगा, उसकी कर्जमाफी की जाएगी। भाजपा सांसद कौशल किशोर ने बताया कि कई बैंकों में इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। सीएम ने जांच करवाने का आश्वासन दिया है। वहीं बैंक ऑफ इंडिया नगराम के सीनियर ब्रांच मैनेजर दिनेश चंद्र इस बारे में पूछे जाने पर सपाट जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि बैंक में तीन दिन की छुट्टी है। बैंक खुलने पर जांच के बाद ही कुछ बता पाऊंगा।

ये भी पढ़ें- देश के टॉप थ्री थानों में शुमार गुडंबा में महिला की गला दबाकर हत्या

ये भी पढ़ें- देवरिया में दबंगों ने पेड़ से बांधकर लड़के को बेल्ट से पीटा, वीडियो वायरल

ये भी पढ़ें- इलाहाबाद में डबल मर्डर: एक युवक की गला रेतकर दूसरे की गला घोंटकर हत्या

ये भी पढ़ें- बाराबंकी में अमीनाबाद के सर्राफ की बस में गोली मारकर हत्या

Related posts

मुरादाबाद : लोन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी.

kumar Rahul
7 years ago

बहराइच: प्रशासन के फेल होने पर पहुंचे NDRF और SSB के जवान

Shani Mishra
6 years ago

कन्नौज : एडमिशन न मिलने से छात्रा ने पिया जहरीला पदार्थ, हालत गंभीर

Short News
6 years ago
Exit mobile version