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आयुष्मान योजना में भ्रष्टाचार: ‘जगुआर कार’ से चलने वाले और लाखों का टर्न ओवर करने वालों को बनाया पात्र

आयुष्मान योजना में भ्रष्टाचार: ‘जगुआर कार’ से चलने वाले और लाखों का टर्न ओवर करने वालों को बनाया पात्र, लिस्ट प्रकाश में आने के बाद मचा प्रशासनिक अमले में हड़कंप

आयुष्मान योजना में भ्रष्टाचार:जगुआर कार से चलने वाले और लाखों का टर्न ओवर करने वालों को बनाया पात्र

सुलतानपुर

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में मोदी सरकार की आयुष्मान योजना में बड़े भ्रष्ट्राचार का खुलासा हुआ है। योजना के अन्तर्गत पात्रों की सूची में ऐसे व्यक्तियों के नाम भी सम्मिलित हैं जो मार्केट में लाखों रूपए कीमत की
‘जगुआर कार’ से चलते हैं। इसके अतिरिक्त उन परिवारों को भी योजना का लाभ दिलाया जा रहा है जो बिजनेस मैन हैं, और साल भर में लाखों रूपए का टर्न ओवर करते हैं।

कादीपुर तहसील क्षेत्र का मामला

दरअस्ल ये मामला जिले कादीपुर तहसील के कस्बे की तैयार हुई लिस्ट का है। आयुष्मान योजना की तैयार लिस्ट में कादीपुर कस्बे के निवासी रणविजय सिंह व उनके परिवार के सदस्यों का नाम सम्मिलित है। बता दें कि सोशल मीडिया पर गत 4 दिसम्बर को एक फोटो पोस्ट की गई है जिसमें रणविजय सिंह अपने पुत्र के साथ शोरूम से कार परचेज करते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने जो कार खरीदी है उसकी कीमत मार्केट में 66 लाख रूपए बताई जा रही है। इसके अलावा
कादीपुर कस्बे में इनका खुद की बजाज बाइक की एजेंसी है और काफी बड़े स्पेस में अपना कांप्लेक्स है जिसमें भारत गैस एजेंसी का दफ्तर है। इतना सब होने के बावजूद वो और उनका परिवार आयुष्मान योजना का पात्र बन गया।
यही नही कस्बे के प्रतिष्ठित बिजनेस मैन में गिने जाने वाले मकबूल खान और उनके परिवार के दर्जन भर लोगों का नाम भी आयुष्मान के पात्रों की सूची में दर्ज है। मकबूल खान की कस्बे में ही दैनिक उपयोग के सामानों के साथ-साथ जूते-चप्पल का बड़ा व्यापार है। यही नही उनके द्वारा कस्बे में करोड़ो रूपए कीमत का मकान निर्मित हो रहा है। ये दो नाम तो बानगी भर हैं। इन जैसे या इनसे कुछ कम हैसियत के कई दर्जन लोगों को आयुष्मान का पात्र बना दिया गया है।

बोले सीडीओ- जांच कराकर होगी कार्यवाही

इस पूरे मामले पर जिले के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) अतुल वत्स ने कहा कि बीपीएल और एपीएल दोनों योजना का लाभ ले सकते हैं। लेकिन जब सीडीओ से ये पूछा गया कि क्या लाखों रूपए कीमत की लग्जरी गाड़ी और करोड़ों के मकान में रहने वाले योजना का लाभ ले सकते हैं, तो उन्होंने कहा नहीं। उन्होंने कहा डेटा में गड़बड़ी हो सकती है क्योंकि सर्वे है और सर्वे 100% सही नहीं होता। उन्होंने कहा इस मामले की जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।

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