एक ओर सरकार करोड़ों रुपया पानी की तरह बहा करके स्वच्छ भारत मिशन अभियान को सफल बनाए जाने के लिए कटिबद्ध दिखाई दे रही है वहीं ग्राम प्रधानों की कमाऊ खाऊ नीति के चलते केंद्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना अपने मूल उद्देश्य से भटक कर के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए कागज़ी खानापूर्ति:
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में विकास खंड सिरौलीगौसपुर अंतर्गत ओडीएफ घोषित ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालयों का निर्माण ठेकेदारों द्वारा घटिया किस्म की सामग्री का प्रयोग करके किया जा रहा है.
किसी ग्राम पंचायत में मकान की दीवार के सहारे शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है तो कहीं पर दो टैंकों के स्थान पर महज एक टैंक बना कर के सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए कागजी खानापूर्ति की जा रही है.
जिसका ज्वलंत उदाहरण ग्राम पंचायत पंजरौली के मजरे तूलीपुर है.
जहां पर कई स्थानों पर मकान की दीवार के सहारे साइड की सिर्फ दो दीवारें उठाकर के सरकार के स्वच्छ भारत मिशन का मखौल उड़ाए जाने की कवायद चल रही है।
गुणवत्ता पर भी सवाल:
वहीं इस बारे में ग्रामीणों ने बताया कि 8 बालू के अनुपात में 1 सीमेंट तथा घटिया किस्म के पीले ईटों के द्वारा शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है. जिसमें मौरंग की मात्रा नगण्य होती है. इसके कारण इसकी गुणवत्ता पर सवालिया निशान लग रहे हैं ।
ग्रामीणों ने बताया कि जो शौचालय बन रहे हैं, उनमें छत के नाम पर 1 इंच के बिना सरिया के दो पटरे बना करके रख दिए जाते हैं. जिन के बीच का गैप भी नहीं बंद किया जा रहा है.
टैंकों पर रखे जाने वाले ढक्कन भी मानक विहीन होते हैं, जो उठाते ही अक्सर टूट जाते हैं.
वहीं घर के बच्चे भी इन मानक विहीन शौचालयों में जाने से गुरेज़ कर रहे हैं कि पता नहीं कब ये ढह जाएं और वे चोट खा जाए.
कितने दिन टिकेंगे ये शौचालय?
इस प्रकार से क्षेत्र में बन रहे मानक विहीन शौचालय कितने दिनों तक टिकाऊ होंगे इसका उत्तर तो सिर्फ विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही दे सकते हैं ।
क्षेत्र के किशुनदासपुर, पंजरौली, बनौक, शहरी श्याम नगर, करोरा, मरकामऊ, सोधवा, नामीपुर, सिरौली, हजरतपुर, अलीनगर, रसूलपुर, डूड़ी, मोहिद्दीनपुर और मदारपुर समेत पूरे तहसील क्षेत्र में मानक विहीन घटिया सामग्री से शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है.
कस्बा बदोसराय में बन रहे शौचालयों के संबंध में ज्योति गुप्ता ने शिकायत भी शासन से की थी, जिसके जांच भी हुई लेकिन नतीजा शून्य रहा।
बोले जिम्मेदार:
इसके संबंध में विकास खंड सहायक अधिकारी हरिशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसा मामला यदि पाया जाता है तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी ।