मथुरा हिंसा के मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव की मौत पर सस्पेंस गहराता ही जा रहा है। एक जोर जब डीजीपी जावीद अहमद ने प्रेस कॉन्फ्रेस करके रामवृक्ष यादव के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि की थी वहीं गुरुवार को इस मामले नया ट्विस्ट आ गया जब मथुरा की स्थानीय अदालत ने पुलिस प्रशासन के उन दावों को खारिज कर दिया जिसमें रामवृक्ष के मारे जाने की बात कही जा रही थी कोर्ट ने यूपी पुलिस के दावों पर सवाल उठाते हुए रामवृक्ष यादव की मौत को ख़ारिज कर दिया है।
- एडीजे-9 की स्थानीय अदालत ने रामवृक्ष यादव की मौत को ख़ारिज करते हुए विसरे को रामवृक्ष के डीएनए से मिलाने के आदेश दिए हैं।
- कोर्ट ने अपने स्टेटमेंट में कहा कहा कि जिस वक्त रामवृक्ष के शव की शिनाख्त कराई गई उस वक्त उसके परिवार का कोई भी सदस्य वहां मौजूद नहीं था, जिससे पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।
- कोर्ट ने कहा कि पुलिस के दावे विश्वसनीय नहीं हैं, बिना जांच के रामवृक्ष यादव की मौत की पुष्टि नहीं की जा सकती है।
- इसके पहले डीजीपी जावीद अहमद ने कहा था कि रामवृक्ष यादव हिंसा के दौरान मारा गया है और पुलिस ने उसके एक करीबी से शव की शिनाख्त भी कराई थी।
- इसके बाद रामवृक्ष के वकील ने डीजीपी के वादों को झूठा बताते हुए, दावा किया था कि रामवृक्ष जिन्दा है। जिसके बाद गांव वालों ने शव लेने से मना कर दिया था।
- रामवृक्ष यादव के वकील शशिकांत गौतम कहते आ रहें हैं कि मथुरा के जवाहरबाग कांड का आरोपी रामवृक्ष यादव जिंदा है।
- गौतम के मुताबिक जवाहरबाग में पुलिस फायरिंग के दौरान 600 लोगो की मौतें हुई हैं।
- गौतम का दावा है कि रामवृक्ष यादव पुलिस मुठभेड़ में नहीं मारा गया, क्योंकि घायल अवस्था में उसे पुलिस लाइन में देखा गया था, उसके बाद से वह गायब हो गया।
- गौतम ने यह भी कहा रामवृक्ष की बेटी ने वकील तरोनी कुमार गौतम को फोन कर पिता के शव की शिनाख्त के लिए भेजा था, लेकिन पुलिस ने उन्हें जानबूझ कर रामवृक्ष का शव दिखाने से इनकार कर दिया था।
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