समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम को पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। बता दें कि पूर्व मंत्री नवेद मियां ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दे दिया था। जिसके बाद पुलिस ने जालसाजी का केस दर्ज किया है। अब्दुल्ला के नामांकन कराने के साथ ही उनकी उम्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।
फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर किया था नामांकन पत्र दाखिल
दरअसल आजम खान ने पिछले विधानसभा चुनाव में अपने बेटे अब्दुल्ला को स्वार टांडा से सपा प्रत्याशी बनाया था। बसपा प्रत्याशी रहे पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खान का आरोप है कि अब्दुल्ला ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नामांकन पत्र दाखिल किया था और शपथ पत्र भी झूठा था। उसके साथ जो पैन कार्ड लगाया गया था वह भी गलत था। वहीं जब इस मामले में जांच हुई तो पता चला कि उनके आरोप सही है। उनके मुकाबले बसपा प्रत्याशी रहे पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खान उर्फ़ नवेद मियां ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष आपत्ति दाखिल की थी कि अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम है। तब अब्दुल्ला ने लखनऊ के एक अस्पताल का जन्म प्रमाण पत्र दाखिल किया, जिसमें उनकी उम्र 25 साल से ज्यादा थी। नवेद मियां ने इसी जांच को आधार बनाकर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। जिस कारण अब्दुल्ला और उनके पिता आजम के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
जांच में पाए गए सही आरोप
अदालत में यह मुकदमा विचाराधीन है, लेकिन इसी बीच पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने भी अब्दुल्ला के खिलाफ मुख्य निर्वाचन अधिकारी लखनऊ से शिकायत कर दी। जिसमें कहा गया कि अब्दुल्ला ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नामांकन पत्र दाखिल किया है। शपथ पत्र भी झूठा है उसके साथ जो पैन कार्ड लगा है, वह भी गलत है। इस पर जांच पड़ताल कराई गई तो उनके आरोप सही पाए गए।