एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर और उनके पति आईपीएस अफसर (Court takes cognizance) अमिताभ ठाकुर को गाजियाबाद की एक महिला की सहायता से फर्जी रेप केस सहित अन्य फर्जी मुकदमों में फंसाए जाने के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति तथा अन्य के खिलाफ थाना गोमतीनगर में दर्ज मुकदमे में सीजेएम लखनऊ संध्या श्रीवास्तव ने प्रजापति के विरुद्ध धारा 211 व 120बी आईपीसी में आरोप पर संज्ञान ले लिया है।
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फर्जी फंसाने के प्रयास का आरोप
- सीजेएम ने अपने आदेश में कहा कि नूतन ने उन्हें और उनके पति को महिला आयोग के सदस्यों की सहायता से फर्जी फंसाने के प्रयास का आरोप लगाया था।
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- जिसपर पुलिस ने 13 जुलाई 2015 को अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी जिसे सीजेएम ने अपने आदेश 22 दिसंबर 2015 द्वारा ख़ारिज करते हुए पुनार्विवेचना के आदेश दिए थे।
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- सीजेएम ने कहा कि विवेचना से प्राप्त तथ्यों से प्रथमद्रष्टया प्रमाणित है कि गायत्री प्रजापति की भूमिका इस अपराध में थी।
- यद्यपि उनके खिलाफ धारा 467, 468, 471, 420, 203 आईपीसी का अपराध साबित नहीं हुआ।
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- सीजेएम ने कहा कि अमिताभ और नूतन के खिलाफ दर्ज कराये गए।
- बलात्कार के केस की पत्रावली और इस केस के समस्त केस डायरी से प्रजापति के खिलाफ धारा 211 व 120बी आईपीसी में आरोप पर संज्ञान लेने के पर्याप्त आधार हैं।
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- कोर्ट ने विवेचक को कल 02 अगस्त 2017 को कोर्ट में उपस्थित होने के भी आदेश दिए हैं।
- लखनऊ पुलिस के (Court takes cognizance) क्राइम ब्रांच ने 24 जुलाई को प्रजापति के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया था।
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