उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सत्ता में आते ही प्रदेश की सड़कों को 15 जून तक गड्ढामुक्त बनाने की घोषणा(Cradle free roads scheme) की थी, समय सीमा खत्म होने के बाद योगी सरकार की घोषणा का सिर्फ 70 फ़ीसदी हिस्सा पूरा हो पाया था। वहीँ जिन 70 फ़ीसदी सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया वो एक बार फिर से गड्ढायुक्त होना शुरू हो चुकी है। जिसके तहत योगी सरकार ने PWD के अधिकारियों को नापने की तैयारी कर ली है।
10 जनपदों की 25 सड़कें बनते ही टूटी(Cradle free roads scheme):
- योगी सरकार की घोषणा के बाद सूबे की सड़कों की मरम्मत का काम तेजी से शुरू किया गया था।
- लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते बनायी गयी सड़कें 6 महीने भी नहीं चल पायी हैं।
- जिसके बाद योगी सरकार ने PWD अधिकारियों पर कार्रवाई का मन बना लिया है।
- गौरतलब है कि, 10 जनपदों की 25 सड़कें बनते ही टूटना शुरू हो चुकी हैं।
- ज्ञात हो कि, गड्ढा मुक्त सड़कों की जांच के लिए योगी सरकार ने टीमों को गठन किया था।
- जिसने यह रिपोर्ट शासन को सौंपी है।
PWD करेगा 73 अधिकारियों पर कार्रवाई(Cradle free roads scheme):
- सूबे में 10 जनपदों की 25 सड़कें बनते ही टूटना शुरू हो गयी हैं।
- जिसके बाद गड्ढा मुक्त सड़कों की जांच कर रही टीम ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
- इसी क्रम में लोक निर्माण विभाग ने करीब 73 अधिकारियों पर कार्रवाई का मन बना लिया है।
- जिसके तहत 20 अधिशासी अभियंता,
- 26 सहायक अभियंता,
- 27 अवर अभियंता और
- ठेकेदार कंपनियों पर भी योगी सरकार की गाज गिरेगी।
- गौरतलब है कि, इस अनियमितता की पोल शासन के निर्देश पर हुई जांच में खुली।
- शासन की ओर से गठित टीमें पूरे प्रदेश में योजना के तहत बनायी गयी सड़कों की जांच कर रही है।
- रिपोर्ट मिलने के बाद उप-मुख्यमंत्री और PWD मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं।
इन जिलों के PWD अधिकारी नपेंगे(Cradle free roads scheme):
- हाथरस,
- मिर्जापुर,
- गाजीपुर,
- औरैया,
- बस्ती,
- श्रावस्ती,
- पीलीभीत,
- आजमगढ़ और
- इलाहाबाद के PWD अधिकारी नपेंगे।