आपराधिक घटनाओं एवं लंबित विवेचनाओं (crime graph) समेत अन्य बिंदुओं, गंभीर मामलों के निराकरण एवं विवेचनाओं के निस्तारण में लखनऊ पुलिस फिसड्डी साबित हुई है। यह खुलासा एडीजी जोन अभय कुमार प्रसाद की समीक्षा मीटिंग के दौरान हुआ। उन्होंने सुधार के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं।
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नौकरों एवं डेरे में रह रहे लोगों का सत्यापन कराने के निर्देश
- एडीजी ने सभी एसएसपी व एसपी को थानों में शतप्रतिशत एफआइआर दर्ज किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा।
- उन्होंने रिपोर्ट न दर्ज करने वाले इंस्पेक्टर व एसओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
- इस दौरान लूट, दुष्कर्म व डकैती समेत मामलों में बदमाशों के पकड़े जाने पर उसकी जानकारी आसपास के जिलों में भी प्रेषित करने को कहा।
- एडीजी जोन ने जिला स्तर पर लंबित विवेचनाओं के निस्तारण एवं विभिन्न मामलों में वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी का अभियान चलाने के निर्देश दिए।
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- इस दौरान उन्होंने पुलिस अभिरक्षा से फरार होने की घटना पर चिंता व्यक्त की और लंबे समय से एक ही पद पर जमे लॉकप और अन्य कार्यालय स्टॉफ के ट्रांसफर की बात कही।
- बैठक में बारिश के मौसम में घुमंतू गिरोह की सक्रियता के दृष्टिगत भी चर्चा की गई।
- एडीजी ने होटल, ढाबा, सराय एवं ऐसे गिरोह के डेरों की प्रभावी चेकिंग कराने एवं किरायेदारों, नौकरों एवं डेरे में रह रहे लोगों का सत्यापन कराने के निर्देश दिए।
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- हरदोई पुलिस द्वारा वांछित आरोपितों की गिरफ्तारी में विशेष कार्रवाई के लिए एडीजी ने प्रशंसा की।
- वहीं महिला संबंधी अपराधों में उन्नाव पुलिस द्वारा प्रभावशाली कार्रवाई को सराहा।
- जबकि लखनऊ, सीतापुर व बाराबंकी में गंभीर घटनाओं का अनावरण न होने पर नाराजगी जाहिर की।
- लखनऊ, खीरी, उन्नाव, सुलतानपुर व बाराबंकी जिले में सबसे अधिक विवेचनाएं लंबित पाई गईं।
- एडीजी ने उनका जल्द निस्तारण कराने (crime graph) का निर्देश दिया।
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