उत्तर प्रदेश के अमेठी जिला में छिन्न-भिन्न हो रही कानून-व्यवस्था को रोक पाने में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। लगातार हत्याएं होने से जनपदवासी दहल उठे हैं। कानून-व्यवस्था पूरी तरह से तार-तार हो रही है। ऐसे में पुलिस की कथित सक्रियता उजागर हो रही है। एक तरफ जहां जनवरी माह में ताबड़तोड़ तीन हत्याएं हुईं, वहीं कई मामलों में अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी।
सिलसिलेवार हो रही घटनाओं पर नजर डालें तो 14 जनवरी को इसकी शुरुआत गौरीगंज थाना क्षेत्र के अन्तर्गत जवाहर नवोदय आवासीय विद्यालय के 11वी छात्र अभय सिंह की बदमाशों ने निर्मम हत्या करके रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था । गौरतलब है कि मृतक छात्र अमेठी के वरिष्ठ पत्रकार अजय सिंह का पुत्र था।
इसके बाद महज 48 घण्टे भी नहीं बीते कि मुंसीगंज थाना के टंडवा में दलित ग्राम प्रधान व प्रधान संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार को बदमाशों ने मौत की नींद सुला दिया। इन घटनाओं के बाद पुलिस हांफती दिख ही रही थी कि बेखौफ हुए अपराधी एक कदम आगे बढ़े और कल ही जगदीशपुर थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े हुए गैंगवार में अशफाक पुत्र अंसार की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
घटना के पीछे दो पक्षों में पुराना विवाद बताया जा रहा है। ताबड़तोड़ गोली चलने के कारण लोगों में दहशत फैल गई। कस्बे में तनाव को देखते हुए डीएम तथा एसपी ने मोर्चा संभाल लिया। इस मामले में एसपी ने एसओ जेबी पांडेय को निलंबित कर दिया।
मामला चाहे जो भी हो लेकिन अमेठी में कानून-व्यवस्था के मामले पर तमाम पुराने जानकारों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी को अब कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर बड़ी ही गंभीरता से काम करना होगा। जिसके तहत सबसे पहले इस अहम मामले में ढिलाई बरतने वाले पुलिस अधिकारियों से लेकर कर्मचारियो पर सख्त से सख्त कारवाई कर बाकियों को एक संदेश देना होगा। साथ ही सरकार की छवि को धूमिल करने वाले उन तमाम अफसरों को हटाकर जो वाकई में काबिल और लायक अधिकारी हैं उनके हाथ में कमान सौंपनी होगी।