सूबे की पूर्ववर्ती सपा सरकार को महिला सुरक्षा (crimes) मुद्दे पर लगातार 5 साल तक कटघरे में खड़ी करने वाली भारतीय जनता पार्टी सत्तानशीन होने के बाद यूपी की महिलाओं को सुरक्षा देने के मुद्दे पर खुद कटघरे में आ गई है। यूपी की राजधानी लखनऊ के आरटीआई एक्टिविस्ट और इंजीनियर संजय शर्मा की एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा दिये गए जबाब से अब यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
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योगी सरकार में बढ़े महिला अपराध
- महिला सुरक्षा पर यूपी के वर्तमान सीएम आदित्यनाथ योगी महिला अपराध रोकथाम मामले में अपने पूर्ववर्ती अखिलेश यादव से भी फिसड्डी साबित हो रहे हैं।
- आरटीआई जबाब के अनुसार यूपी की पूर्व सीएम मायावती के समय में महिलाओं के खिलाफ मासिक अपराध दर सबसे कम थी।
- जो अखिलेश के समय में तो बढ़ी ही पर योगी के समय में तो महिला अपराध की मासिक दर अखिलेश के समय की मासिक दर से भी आगे निकल कर नया रिकॉर्ड बना रही है।
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मायावती के कार्यकाल में इतनी शिकायतें
- मानवाधिकार कार्यकर्ता संजय शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा दायर आरटीआई पर प्राप्त उत्तर के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के दिनांक 13-05-07 से 14-03-12 तक के 58 माह के कार्यकाल में महिला आयोग को 97542 शिकायतें प्राप्त हुईं जो शत-प्रतिशत निस्तारित कर दीं गईं।
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अखिलेश के कार्यकाल में इतनी शिकायतें
- इसी जबाब के अनुसार (crimes) पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दिनांक 15-03-12 से 18-03-17 तक के 60 माह के कार्यकाल में महिला आयोग को 1,79,764 शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें से 1,63,624 अर्थात 91 प्रतिशत निस्तारित कीं गईं।
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योगी के कार्यकाल में इतनी शिकायतें
- PIL एक्टिविस्ट संजय शर्मा बताते हैं कि सूबे के वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा दिनांक 19-03-17 को कार्यभार ग्रहण करने के बाद 16-06-17 तक के तीन माह के कार्यकाल में महिला आयोग में कुल 10,517 शिकायतें दर्ज हुईं जिनमें से महज 2829 अर्थात 27 प्रतिशत ही निस्तारित हुईं हैं।
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आंकड़ों पर प्रतिमाह एक नजर
- इंजीनियर संजय शर्मा बताते हैं कि उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में प्रतिमाह 1682 शिकायतें प्राप्त हुईं।
- जो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समय में बढ़कर प्रतिमाह 2996 हो गईं।
- अब वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समय में पुराने रिकॉर्ड तोड़कर 3506 प्रतिमाह हो गईं हैं जो वर्तमान भाजपा सरकार को महिला सुरक्षा पर कटघरे में खड़ा कर रही हैं।
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- मायावती के समय में महिलाओं की शिकायतों की शत-प्रतिशत निस्तारण दर का अखिलेश के समय में घटकर 91 प्रतिशत पर आ जाने और योगी के समय महज 27 प्रतिशत रह जाने और अखिलेश के मुकाबले योगीराज में 17% महिला अपराध बढ़ जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
- मानवाधिकार कार्यकर्ता संजय शर्मा ने योगी से महिला सुरक्षा (crimes) से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से काम करने और संवेदनशील रवैया अख्तियार करने की मांग की है।