उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव को लेकर चल रहे चुनावी महासंग्राम के दौरान तीसरे चरण में होने वाले मतदान से पहले प्रत्याशियों का काला चिट्ठा मंगलवार को यूपी प्रेस क्लब में पेश किया।
- इन दागी नेताओं के कई मंत्रियों के ऊपर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।
- कई मंत्रियों के ऊपर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर केस दर्ज हैं।
- जबकि कई मंत्रियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने जैसे अपराध शामिल हैं।
- चुनाव आते ही विभिन्न दलों में प्रत्याशियों को चुनने की होड़ सी लग जाती है।
- ऐसे में सियासी दल अपने फायदे के लिए दागी तथा अपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों का चयन करने में गूरेज नहीं करती हैं।
- लेकिन इलेक्शन वाच द्वारा निरन्तर चलायी जा रही जागरूकता के कारण इस बार अपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों के खिलाफ रिपोर्ट पेश कर इनके कारनामे उजागर कर रहा है।
अपराधियों के टिकट देने के मामले में भाजपा बसपा की टक्कर
- लखनऊ विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सत्ता में आने पर उत्तर प्रदेश से गुंडाराज खत्म कर अपराधियों को जेल भेजने का दावा कर रही है।
- वहीं, तीसरे चरण के उम्मीदवारों पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की जो रिपोर्ट आई है,
- उससे ये दावा बसपा पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।
- रिपोर्ट के मुताबिक, तीसरे चरण के चुनाव में 813 उम्मीदवारों में 82 यानी दस प्रतिशत गंभीर आपराधिक छवि के हैं।
- यह आंकड़ा आपराधिक मामलों में 813 में से 110 यानी 14 फीसदी है।
- रिपोर्ट के अनुसार, इस चरण में पहले और दूसरे चरण की तुलना में दागी और करोड़पति प्रत्याशियों की संख्या कम है।
- बसपा के मामले में यह आंकड़ा गंभीर अपराधों में 67 में से 16 उम्मीदवार (24 प्रतिशत) तो आपराधिक मामलों में 67 में से 21 (31 फीसदी) है।
- इसी तरह पार्टी ने कुल 37 आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
- वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी बसपा को इस रेस में टक्कर दे रही है।
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