2019 के लोकसभा चुनावों की समाजवादी पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही बसपा से मिलकर चुनाव लड़ने वाली सीटों पर मंथन का सिलसिला तेजी से शुरू हो गया है। इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले नेताओं के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। इस गाइडलाइन के तहत कई ऐसे बड़े नेता हैं जिनका लोकसभा चुनाव लड़ने का सपना टूट सकता है।
आपराधिक किस्म के व्यक्ति को नहीं मिलेगा टिकट :
2019 लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी हर कदम फूंक-फूंककर रख रही है। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव जैसी गलती नहीं करना चाहते हैं। यही कारण है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले लोगों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी थी। इसका फार्म भी जारी कर दिया गया है। सपा का कहना है कि पार्टी से 2019 का चुनाव लड़ने के लिए आवेदक को कई मानकों को पूरा करना होगा। अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश यादव ने इस बार स्वच्छ छवि और अपराधिक इतिहास वाले प्रत्याशियों को टिकट न देने का फैसला किया है। यदि आवेदक के ऊपर एक भी आपराधिक मुकदमा दर्ज है तो उसको पार्टी लोकसभा का टिकट नहीं देगी। आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2018 रखी गई थी जिसे बढ़ाकर 31 अगस्त 2018 कर दिया गया है।
पार्टी में जमा करने होंगे पैसे :
लोकसभा चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार में अगर कार्यकर्ता चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं तो उन्हें अपनी जेब से 10 हजार रुपये पार्टी कोष में जमा कराने होंगे। इसके बाद ही वह उम्मीदवारी फार्म भरने के हकदार होंगे। इसके अलावा दूसरी शर्त है कि उन्हें समाजवादी पार्टी बुलेटिन का आजीवन सदस्य बनना पड़ेगा तभी उम्मीदवारी फार्म पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा लोकसभा चुनाव लड़ने वाले को पार्टी का सक्रिय सदस्य होना चाहिए। बाहर से आये और निष्क्रिय नेताओं को किसी कीमत पर चुनाव लड़ने नहीं दिया जायेगा।