यूपी के कानपुर जिले में नगर निकाय चुनाव को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने नई व्यवस्था लागू की है। नई व्यवस्था के मतगणना तक शराब खरीदने वालों की फोटो खींची जायेगी। साथ ही ठेके में रखे रजिस्टर पर ग्राहकों का नाम, पता, मोबाइल नंबर, शराब की मात्रा आदि की जानकारी दर्ज की जाएगी। यह सारी जानकारी रोजाना संबंधित थानों को भेजी जाएगी। पुलिस ज्यादा शराब खरीदने वालों के घर भी सकती है। पुलिस पूछताछ कर सकती है कि इतनी शराब किस मकसद से खरीदी गई। खरीदने वाला कहीं प्रत्याशी का समर्थक तो नहीं। जिला प्रशासन की इस नई व्यवस्था से शराब के शौकीनों को झटका लगा है। कई तो शराब खरीदे बगैर ठेकों से लौट गए।
ग्राहकों में निराशा का माहौल
- जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि निकाय चुनाव में मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए प्रत्याशी शराब तक बांटते हैं।
- इस पर रोक लगाने के लिए देशी, अंग्रेजी ठेकों और बीयर शॉप में यह व्यवस्था लागू की है।
- मतगणना वाले दिन तक (एक दिसंबर) यह व्यवस्था रहेगी।
- इस व्यवस्था से शराब खरीदने पहुंचे लोगों का सेल्समैन से विवाद भी हुआ।
- शराब दुकानों के संचालकों ने बताया कि इस नई व्यवस्था से अधिकांश लोग बिदक गए और शराब खरीदे बिना ही चले गए।
- हालांकि इस व्यवस्था से जिला प्रशासन काफी खुश है वहीं ग्राहकों में निराशा का माहौल व्याप्त है।
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