उत्तर प्रदेश की पुलिस को हाइटेक बनाने के लिए राज्य के दो शहरों में साइबर पुलिस स्टेशन बनाने की कवायत शुरू हो चुकी है। साइबर सेवाओं से युक्त यह पुलिस स्टेशन लखनऊ और नोएडा में खोले जायेगें। देश में बढ़ते साइबर क्राइम को ध्यान में रखते हुए इस तरह के पुलिस स्टेशनों में साइबर लैब की स्थापना भी की जायेगी।
इन साइबर थानो के लिए 48 पुलिस कर्मियों की दो जिलों में मांग की गई है। इसमें एक अतिरिक्त अधीक्षक रैंक के अधिकारी काम कर रहे कर्मचारियों पर निगरानी करेंगे। दो उप पुलिस अधीक्षकों, 15 निरीक्षक और 30 उप निरीक्षक और कांस्टेबल लखनऊ और नोएडा में प्रतिनियुक्त किया जाएगा। साइबर पुलिस थानो को भी मामलों की जांच सौंपी जायेगी जो नवीनतम साइबर तकनीक का प्रयोग कर विभिन्न मामलों को सुलझाने का प्रयास करेंगी। उत्तर प्रदेश की अब सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव नज़र आती है। फेसबुक, वाट्सअप और ट्वीटर पर भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने समूह बना लिए है। जिसके जरीये आने वाले दिनों में वह सीधे जनता से जुड़ने का प्रयास करेंगी।
अभी तक देश के महत्वपूर्ण शहरों में सक्रिय 38 साइबर पुलिस स्टेशन हैं। इनमें झारखंड, कर्नाटक और तमिलनाडु में आंध्र प्रदेश और पंजाब में दो साइबर थाने हैं एवं बिहार राज्य में तीन साल पहले एक साइबर पुलिस स्टेशन की स्थापना हुयी थी। जबकि पश्चिम बंगाल में पांच थानें हैं।
उम्मीद लगाई जा रही है कि ऐसे आधुनिक सुविधाओं से युक्त साइबर थाने खुलने की वजह से उत्तर प्रदेश में बड़ती अपराधों की घटनाओं में कमी आयेगी। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में अधिकारियों को यह काम बहुत पहले कर लेना चाहिए था।
यूपी राज्य देश में दूसरा सबसे ज्यादा है जिसमे करीब 2.5 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता हैं। लेकिन यह साइबर अपराध में भी अछूता नहीं है। यूपी में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। इन थानों की स्थापना के बाद अपराधियों पर शिकंजा कसना आसान हो जायेगा।