यूपी के अमेठी जिले में दबंगों ने गांवों में गरीब तबके के लोगों का जीना हराम करके रखा हुआ है। यहां अभी भी कानून के सिपाही आंख में पट्टी बांधकर दबंगो के साथ खड़े दिखाई देते हैं। तभी तो जब एक गरीब की झोपड़ी को दबंगो द्वारा ट्रैक्टर से दिनदहाड़े ही गिरा दिया गया और पुलिस मामले की अनदेखी करती रही। पीड़ित का आरोप है पुलिस कार्रवाई करने के बजाय थाने जाने पर उसे भगा रही है।
यह है किसान का आरोप
- अमेठी के मुसाफिरखाना कोतवाली के जमुवारी गांव का रहने वाला बेहद गरीब किसान रामदीन ने अपने गांव के ही कुछ व्यक्तियों पर आरोप लगाया है।
- आरोप है कि मेरे गांव के सरहंग कुछ दबंगों ने आबादी में बनी मेरी कच्ची दीवार से निर्मित झोपड़ी को ट्रैक्टर एवं कल्टीवेटर से गिरा दिया।
- यह घटना पिछली 6 जनवरी 2017 की है।
- किसान ने बताया कि वह कुछ खरीददारी करने बाजार गया हुआ था।
- तभी दोपहर लगभग 2:00 बजे मौका पाकर गांव के कुछ लोगों ने उसकी कच्ची झोपड़ी को धरासाई कर दिया।
- औरतों के मना करने पर गाली-गलौज किया। पीड़ित ने बताया कि यह पुरानी आबादी में बनी कच्ची झोपड़ी मेरी है।
- इसके सारे सबूत मेरे पास हैं फिर भी किसी ने उसकी एक ना सुनी, इस कारण पीड़ित शिकायत लिए दर-दर भटकने को मजबूर है।
पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट
- पीड़ित रामदीन पिता रामफल ने बताया कि जब में इस सम्पूर्ण घटना की शिकायत कोतवाली पुलिस को दी गई।
- पीड़ित का आरोप है कि जब उसने तहरीर देकर दबंगो के खिलाफ पुलिस से कार्रवाई की मांग की।
- तब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने बजाय कह दिया कि मामला राजस्व से जुड़ा है, पैमाइश के बाद ही कार्यवाही होगी।
- पीड़ित ने इसकी सूचना नंबर 100 डॉयल कर पुलिस को दी।
- लेकिन पुलिस मौके पर झांकने तक नहीं गई।
- इतना ही नहीं पीड़ित कोतवाली मुसाफिरखाना के दिन भर न्याय के लिए चक्कर लगाता रहा।
- लेकिन पुलिस ने दबंगों के भय से कोई कार्रवाई नहीं की।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- इस संबंध में उप जिलाधिकारी अभय कुमार पाण्डेय का कहना है कि पीड़ित विवादित जमीन को खाते का ही बता रहा है।
- यही बात आरोपी पक्ष भी बता रहा है।
- पुलिस ने जब विवादित जमीन के बारे में जानकारी करनी चाही तो पीड़ित ने विवादित जमीन को आबादी पर अपना कब्जा बताया।
- जबकि आरोपी पक्ष और बैनामे करने वाले ने इस जमीन को अपने खाते का बताया।
- वहीं ग्राम प्रधान जमुआरी अली अहमद का कहना है कि पीड़ित पक्ष का आरोप सही है।
- आरोपी पक्ष का बैनामा दूसरी भूमि संख्या पर हुआ है। जबकि आरोपी पक्ष, पीड़ित पक्ष की जमीन पर कब्जा करना चाह रहा है।
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