राजधानी लखनऊ में एक ओर जहां अपराधियों का आंतक तो दूसरी तरफ दबंगों का कहर भी बरकरार है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीकेटी तहसील के बाहर सोमवार की देर शाम रिकार्ड रूम की चाभी न देने पर लेखपाल तुषार सिंह ने संग्रह सेवक रामधनी जायसवाल को तहसीलकर्मियों के सामने ही दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। वह अपनी जान बचाने के लिए दबंग लेखपाल के सामने गिडगिड़ाता रहा, लेकिन उसका कहर थम नहीं रहा था।
पीड़ित संग्रह सेवक का दाहिना हाथ तोड़ने के बाद सिर व शरीर पर कई जगह चोट पहुंचा कर जान से मारने की धमकी देकर मौके से भाग निकला। तहसील के सामने हुई इस घटना से वहां हड़कंप मच गया। खास बात यह रही कि दबंग लेखपाल संग्रह सेवक को पीटता रहा, लेकिन आसपास में मौजूद लोग छुड़ाने की हि मत नहीं जुटा पा रहे थे। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन कर लौट गई, लेकिन घायल को अस्पताल में भर्ती नहीं करा सकी। पीड़ित ने मंगलवार को अफसरों को प्रार्थना पत्र देकर न्याया की गुहार लगाई।
रिकॉर्ड रूम की चाभी मांग रहा था दबंग लेखपाल
जानकारी के मुतबिक, बीकेटी तहसील में संगह सेवक के पद पर कार्यरत रामधनी जायसवाल ने पुलिस अफसरों को दी गई तहरीर में बताया कि वह सोमवार की शाम करीब 7:50 बजे पर तहसील के बाहर खड़े थे। इसी दौरान बीकेटी तहसील में तैनात लेखपाल तुषार सिंह उनके पास पहुंचा और रिकार्ड रूम की चाभी मांगने लगा। पीड़ित का कहना है कि जैसे वह चाभी देने से मना किया तो दबंग लेखपाल उनके ऊपर कहर बनकर टूट पड़ा और लात-घूसों से जमकर पीटा। यही नहीं जब इससे भी मन नहीं भरा तो लेखपाल तहसील के बाहर सड़क पर दौड़ा-दौडा़ कर पीटने के संगह का दाहिना तोड़ दिया। जिससे वह वहीं गिर गए, लेकिन इसके बावजूद भी वह संग्रह की शरीर पर हमला बोलता रहा।
तहसीलदार सहित कई अधिकारी खड़े देखते रहे तमाशा
संग्रह की चीख-पुकार सुनकर तहसील परिसर में मौजूद कर्मचारी बाहर आए। लेकिन दबंग लेखपाल के आतंक के आगे वे कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। लिहाजा किसी तरह संगह को उसके चंगुल से बचाया। बताया गया कि हाथ तोड़ने के बाद लेखपाल ने कहा कि यह तो कम सजा दिया हूं अगर अधिक बोला तो नौकरी से भी निकलवा दूंगा। पीड़ित द्वारा दी गई तहरीर से यही लग रहा है कि तुषार लेखपाल है या फिर कोई… यह भी बताया जा रहा है कि लेखपाल के आगे बीकेटी तहसीलदार भी कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। फिलहाल दबंग लेखपाल के कहर से निजात पाने के लिए पीड़ित संग्रह ने पुलिस अफसरों को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। वहीं इंस्पेक्टर बीकेटी का कहना है कि इस मामले में गंभीरता से जांच पड़ताल की जा रही है और दोषी पाए जाने पर किसी भी सूरत में लेखपाल को नहीं बक्शा जायेगा।