चार साल से बंधुआ मजदूर बना दलित परिवार का दबंग लगातार शारीरिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं. दबंगों द्वारा ब्याज देने का दबाव बनाकर पीड़ित से जबरन मार-पीट कर मजदूरी कराई जाती है. लेकिन उत्पीड़न का शिकार बन रहा पीड़ित परिवार आज तंग आकर डीआईजी के पास पहुंचा गया और न्याय की गुहार लगायी.
देश से ब्रिटिश हुकूमत का अंत हो गया लेकिन आज भी समाज मे ऐसे जमीदार या मनबढ़ दबंग हैं, जो गरीबों का ना केवल शोषण भर करते हैं बल्कि उनको आज भी गुलामी का एहसास कराते हैं। जी हाँ ऐसा ही वाक्या गोण्डा के थाना नगर कोतवाली क्षेत्र के देवरिया चुरामणि गांव का सामने आया है।
नहीं मिलती मजदूरी:
मामला गोण्डा जिले के देवरिया चुरामणि गांव का है. जहाँ एक दलित परिवार आज देवीपाटन मण्डल के डीआइजी के पास पहुंचा। बीते चार साल से पीड़ित संजय नाम का यह शख्स दबंग वीरेंद्र के यहां 6 हजार रुपये में ट्रेक्टर चलाने व मिट्टी ढोने का काम करता रहा था, जबकि इसके बदले में जब भी वह अपनी मजदूरी मांगता था तो उसे दूसरे-तीसरे दिन 100-50 रुपए दे दिए जाते थे।
गरीब मजदूर को उनकी मेहनत की पूरी मजदूरी नहीं दी जाती थी. वहीं जब भी पीड़ित अपनी बकाया मजदूरी दबंग वीरेंद्र से मांगता तो उसके बदले उसे मारा पीटा जाता.
3 हजार कर्ज पर 27 हजार ब्याज देने का दबाव:
इस मामले को बयान करते हुए पीड़ित ने कहा कि उसने एक बार तीन हज़ार रुपए वीरेन्द्र से लिया था, जिस पर वीरेंद्र आज तक ब्याज जोड़कर अब तक सताइस हज़ार रुपए जबरन मांग रहा है.
पीड़ित ने ये भी बताया कि जब वह कहीं अलग काम करता हूँ तो उसे वीरेंद्र वहां काम भी नहीं करने देता और गाली गलौच व मारपीट पर उतारू हो जाता है.
वहीं पीड़ित की पत्नी का कहना है कि मेरे पति से जबरन काम कराया जाता है. उनसे ब्याज के नाम पर सताइस हज़ार जबरन वसूलने के दबाव बनाया गया.
डीआईजी देवीपाटन मण्डल अनिल राय ने दिए जांच के निर्देश:
इस मामले के संज्ञान में आने के बाद डीआईजी देवीपाटन मण्डल अनिल राय ने बताया कि “मेरे समक्ष संजय कुमार नाम का शख्स आया था. जिसने बताया कि उसके वीरेंद्र से 3 हजार रुपये लिए थे. जिस पर अब उससे सताइस हज़ार रुपये ब्याज वसूलने का दबाव बनाया जा रहा है, जो कि बीते कई वर्षों से वीरेन्द्र के यहां निरंतर मजदूरी करता रहा है और बदले में उसे कभी कदार कुछ रुपए दे दिए जाते थे।
उन्होंने कहा कि यह मामला संज्ञान में आया है. हमने संबंधित थाने से इसकी जांच करने का आदेश दिया है. दो तीन दिन के भीतर ही मामले में न्याय संगत कार्यवाही की जाएगी।
जांच करवाने की बात कहते हुए डीआईजी ने कहा कि “सबसे पहले इस प्रकरण में जांच पूरी हो जाए और यदि संबंधित व्यक्ति के पास सूद पर पैसे देने का लाइसेंस नहीं है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।