उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दादरी में हुए बीफ कांड की जांच सीबीआई से कराने का विरोध किया है।
सीबीआई जांच का कोई औचित्य नहीं:
- उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया है।
- जिसमें बीफ कांड में सीबीआई जांच को हटाने की मांग की गयी है।
- हलफनामे में कहा गया है कि, मामले में सीबीआई जांच का कोई औचित्य नहीं है।
- अपर महाधिवक्ता इमरानउल्लाह ने कहा कि, पुलिस ने पूरे घटनाक्रम के हर पहलुओं की जांच कर आरोप पत्र दाखिल किया है।
- इसलिए सीबीआई जांच की जरुरत नहीं है।
यह भी पढ़ें: अखलाक का परिवार जायेगा ‘जेल’, जानें क्या है मामला!
पुलिस की जांच पर सवाल:
- मामले की याचिका अभियुक्त संजय सिंह द्वारा दायर की गयी थी।
- वहीँ मामले की सुनवाई जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एसबी सिंह की खंडपीठ ने की।
- याची के मुताबिक, पुलिस ने इस घटना की सही तरीके से जांच नहीं है, तथ्यों को छिपाया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार का तर्क:
- वहीँ, मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपना मत रखा है।
- जिसमें उसने कहा है कि, याची एक अभियुक्त है, और उसे अपने मन की एजेंसी से घटना की जांच कराने का कोई विधिक हक़ नहीं है।
- सरकार के इस वाद का जवाब देने के लिए याची ने दो हफ्तों का समय माँगा है।
- जिसके बाद अगली सुनवाई उसके बाद होगी।
बीफ कांड:
- दादरी में 28 सितम्बर को अखलाक के घर में गौमांस के आरोप पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी।
- अख़लाक़ के घर से बरामद मांस की लैब में गौमांस के रूप में पुष्टि हुई थी।