साठ और सत्तर के दशक में चंबल के बीहड़ों में रहनेवाले पूर्व दस्यू सरगना मलखान सिंह चंबल का शेर कहलाता था। उसका मध्यप्रदेश के चंबल, शिवुपरी, मुरैना, चित्रकूट, रीवा के इलाकों में कई दशकों तक डाकुओं का खौफ रहा है। ऐसा कहा जाता है कि पहले ये दस्यु बागी कहलाते थे और इनका काम सिर्फ डकैती करना था। धीरे-धीरे युग परिवर्तन होने से इन डाकुओं ने अपहरण का काम शुरू कर दिया। ये राजनीति और जमीनी झगड़ों के निपटारे में लग गए। चम्बल और बीहड़ों में अभी भी डाकुओं का खौफ तो आप ने सुना और देखा होगा लेकिन राजधानी लखनऊ की आशियाना पुलिस ने डाकू मलखान सिंह के पोता (लड़के का पुत्र) को एक सुनार के साथ लूट के आरोप में गिरफ्तार करने का दावा किया है। पुलिस ने आरोपी के पास से भारी मात्रा में सामान बरामद किया है। पुलिस अभियुक्त के विरुद्ध आगे की कार्रवाई कर रही है।
सुनार के हाथ बेचता था लूट का सामान
एएसपी उत्तरी अनुराग वत्स ने बताया कि पिछले दिनों राजधानी में कई चेन और पर्स लूट की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए लखनऊ पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने काम करना शुरू किया। पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़कर डकैत मलखान सिंह के पोता अजय सिंह और आलमबाग में रहने वाले सुनार को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि वह शहर में आकर लूट की वारदातों को अंजाम देता था। लूट का सामान सुनार के पास बेच देता था। आशियाना पुलिस ने सुराग मिलते ही आरोपी को धर दबोचा। आरोपी ने कई चेन और पर्स लूट की वारदातों को कबूला है।