उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में दो दिन पहले सूदखोरों द्वारा एक दलित महिला को जिन्दा जला दिया गया था। जिन्दगी और मौत से जूझने के बाद आखिरकार दलित महिला ने दम तोड़ दिया। महिला का इलाज वाराणसी में चल रहा था। घटना में 40 वर्षीय दलित महिला रेशमी लगभग 80 फीसदी जल गई थी। महिला का शव वाराणसी से भीमपुरा थाना क्षेत्र के जजौली गांव लाया जा रहा है। बेटी का आरोप था कि सूदखोरों से सूद पर 20 हजार रुपये ले रखा था, पर समय पर पूर्ण रूप से भुगतान नहीं कर पाने पर सूदखोरों द्वारा जला दिया गया। घटना के बाद जजौली गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।
इससे पहले भी हो चुकी घटना
इस दलित महिला को जलाने का ये कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले 27 जनवरी 2017 को भी भीमपुरा थाना क्षेत्र के जजौली गांव में रहने वाली रेशमी नाम की इस दलित महिला को सूदखोर ने पेट्रोल डालकर जला दिया था। दरसल पीड़ित महिला ने अपनी बेटी की शादी के लिए सूदखोर से 10 हज़ार रूपये कर्ज लिए थे मगर लाखों रुपए देने के बावज़ूद वो सूद के जाल से उबर नहीं पाई। पुलिस ने आरोपी सूदखोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस की ढुलमुल कार्रवाई के चलते शुक्रवार को एक बाद फिर सुड्डू सिंह और सोनू सिंह नाम के सूदखोर ने महिला को जिन्दा जला दिया। जिला अस्पताल में जिंदगी मौत की जंग लड़ रही महिला को डॉक्टरों बीएचयू रेफर कर दिया। यहां महिला को डॉक्टरों ने 80 प्रतिशत जला बताया है। पुलिस ने आरोपी सूदखोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में में लड़कियों और महिलाओं के साथ हो रही आपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। महिलाएं घरों से बाहर तक सुरक्षित नहीं रही हैं। पिछले दिनों कई वारदातों के बाद पुलिस ने आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया लेकिन फिर भी अपराधियों के भीतर जरा सा भी कानून का खौफ नहीं है।