उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हनुमान जी पर दिए गए बयान के बाद अब मन्दिर पर अधिकार को लेकर नई जंग छिड़ गई है। लखनऊ में दलित उत्थान सेवा समिति के बैनर तले दलित समुदाय के लोग हजरतगंज के दक्षिणमुखी हनुमान मन्दिर पर कब्ज़ा करने पहुंच गए। दलित उत्थान सेवा समिति के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में दलित हनुमान मंदिर पहुंचे। हाथों में पोस्टर लेकर ‘दलित के देवता बजरंगबली, ये मंदिर हमारा है’ के नारे लगा रहे थे। मन्दिर आये दलित समुदाय के लोगों का कहना है कि जब मुख्यमंत्री योगी स्वीकार कर चुके है कि हनुमान जी दलित थे तो मन्दिर पर कब्ज़ा भी दलित समुदाय के लोगों का होना चाहिए। दलित समुदाय के लोगों ने मंदिर में दलित पुजारी की भी नियुक्ति की मांग की है।
सीएम योगी के बयान के बाद अब मंदिर पर दलित अपना अधिकार चाहते है। इसी कड़ी में दलित उत्थान सेवा समिति के बैनर तले दलितों का समूह लखनऊ में हजरतगंज चौराहे के ठीक बगल में दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर पर कब्ज़ा करने पहुंच गए। यहाँ पहुचें समुदाय के लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और बाद में सांकेतिक रूप से मन्दिर पर कब्ज़ा करने का प्रयास किया। हालांकि यह सब कुछ पूरी तरह से शांतिपूर्वक कार्यक्रम में था इसमें किसी भी तरह का हो- हल्ला या फिर मंदिर के पुजारी और दलित समुदाय के लोगों में कोई विवाद नहीं हुआ। दलित सेवा उत्थान समिति से जुड़े विजय बहादुर ने बताया कि जब सीएम योगी खुद कह चुके है कि बजरंगबली दलित समुदाय के थे तो मंदिर पर दलित पुजारी की नियुक्ति होनी चाहिए। बता दे कि राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भगवान बजरंग बलि को दलित समुदाय का कहने का कथित आरोप लगा था। सीएम योगी के इसी कथित बयान के बाद भगवान बजरंग बलि भी राजनीति का केंद्र बन गए और इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है।
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