अजीबोगरीब फतवा जारी करने वाले दारुल उलूम देवबंद विवादों में रहते हैं. कभी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने तो कभी फिल्म न देखने के लिये फतवा जारी कर चुके दारुल उलूम देवबंद के नए फतवे का मुस्लिम महिलाओं ने जबरदस्त विरोध किया है. मुस्लिम महिलाओं के चमकदार बुर्के और चुस्त कपड़ों को लेकर ही दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी किया था, यहाँ तक की लिपस्टिक को भी लेकर फतवा जारी किया जा चुका है. वहीं अब फतवे के जरिये महिलाओं को फुटबॉल न देखने की नसीहत दी गई. इसके बाद फिर से एक और फतवे ने नयी बहस छेड़ दी है.
औरतों के लिए गैरमर्दों से चूड़ी पहनना नाजायज
सहारनपुर के देवबंद दारुल उलूम से फतवा जारी किया गया है. इसमें औरतों के लिए गैरमर्दों से चूड़ी पहनना नाजायज बताया गया है. गैरमर्दों के हाथ से चूड़ी पहनना नाजायज करार दिया गया है. चूड़ी पहनने के लिए बाहर निकलने की मनाही भी है. फतवे में कहा गया है कि गैरमर्द से चूड़ी पहनने के लिए घर से बाहर नहीं निकलना है.
पहले भी जारी हो चुके हैं अजीबो-गरीब फतवे
एक व्यक्ति ने दारुल उलूम देवबंद के इफ्ता विभाग से पूछा था कि उसके विवाह के लिए ऐसी लड़कियों के रिश्ते आ रहे हैं जिनके पिता बैंक में नौकरी करते हैं. देश का बैंकिंग तंत्र ब्याज पर आधारित है और ब्याज इस्लाम में हराम है. इसलिए ऐसे परिवारों में शादी करना कैसा है? 3 जनवरी को दारुल उलूम के मुफ्तियों की खंडपीठ ने जवाब में कहा कि ऐसे परिवार में शादी नहीं करनी चाहिए, जहां सूद की कमाई हो. मुफ्ती इकराम ने सवालकर्ता को सलाह देते हुए कहा कि कि वह ऐसे घर की तलाश करें जहां पर सूद की कमाई न आती हो.
चुस्त बुर्का पहनकर न निकलें:
एक और फतवे के जरिये कहा गया था कि औरतें जब बाहर निकलती हैं तो शैतान उन्हें घूरता है, इसलिए बिना जरूरत के औरत को घर से नहीं निकलना चाहिए और यदि जरूरत पड़ने पर महिलाएं घर से निकलें तो ढीला-ढाला लिबास पहनकर निकलें. तंग और चुस्त कपड़े या चुस्त बुर्का पहनकर न निकलें.