बसपा सुप्रीमो मायावती पर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी करके चौतफा हमलों से घिरे भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह से अब उनकी पार्टी ने भी किनारा कर लिया है। भाजपा ने पहले तो दयाशंकर सिंह को पार्टी के उपाध्यक्ष पद से हटाया। इसके बाद भी जब भाजपा सभी दलों के निशाने पर रही तो पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इससे पहले बसपा नेता मेवालाल ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में इस बयान के लिए दयाशंकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी।
- राज्यसभा में समूचे विपक्ष ने बयान देने वाले बीजेपी नेता को गिरफ्तार करने के साथ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की।
- भाजपा के उपाध्यक्ष रहें दयाशंकर सिंह के इस अशोभनीय बयान को लेकर आज बीएसपी नेता और कार्यकर्ता लखनऊ में विरोध प्रदर्शन कर रहें हैं।
- वहीं कल हजरतगंज थाने में बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने एक बयान में कहा कि दयाशंकर सिंह ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के इशारे पर ही बसपा सुप्रीमों का अपमान किया है।
- बसपा इस टिप्पणी को लेकर पूरी तरह से आक्रमक हो गयी है, और उसकी कोशिश इस लड़ाई को संसद से लेकर सड़क तक लड़न की है।
- वहीं, बसपा सांसद सतीशचंद्र मिश्र ने कहा कि वो इस मामले को कोर्ट में लेकर जाएंगे।
दयाशंकर ने मांगी माफीः
- संसद में गुरुवार को भाजपा पूरी तरह से इस मुद्दे पर अपने नेता के बयान के बाद बैकफुट पर आ गई।
- पहले ही गुजरात के उना में दलितों की पिटाई के मुद्दे पर विपक्ष के तीखे हमलों से घिरी भाजपा, इस बयान के बाद संकट में आ गयी है।
- दूसरी तरफ विवाद बढ़ने पर आलाकमान के दवाब में दयाशंकर सिंह ने अपने बयान पर माफी मांग ली है।
- मालूम हो कि पहले से ही भाजपा दलितों के मुद्दे पर मायावती समेत विपक्ष के निशाने पर है।
- ऐसे में मायावती जैसी सशक्त महिला नेता और बसपा सुप्रीमों पर बीजेपी नेता की टिप्पणी ने पूरी पार्टी को संकट में डाल दिया है।
- यही कारण है कि पार्टी ने दयाशंकर सिंह पर एक्शन लेने में जरा भी देर नहीं की। फिलहाल अब भाजपा इस पूरे प्रकरण से खुद को अलग दिखाना चाहती है।