बसपा सुप्रीमों मायावती पर अभद्र टिप्पणी कर निशाने पर आये पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह को बीजेपी ने अनुशासनहीनता के चलते 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया था लेकिन अब बदले राजनीतिक माहौल में भाजपा 3 महीने के अन्दर ही दयाशंकर सिंह को पार्टी में वापस लाने की तैयारियों में जुट गई है।
- तीन महीने के भीतर ही दयाशंकर की वापसी पर भाजपा सफाई दे रही है कि दयाशंकर की पत्नी और बेटी पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले बसपा नेताओं पर अब तक ना तो पार्टी स्तर पर और ना ही सरकार के स्तर से कोई कार्रवाई हुई है।
- दयाशंकर सिंह ने मायावती को लेकर अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया था।
- इस पर मायावती ने दयाशंकर और भाजपा को निशाने पर ले लिया।
- बवाल बढ़ने दयाशंकर ने दो बार सार्वजनिक रूप से मायावती से माफी भी मांग ली।
- इस बीच मामला बढ़ता देख भाजपा ने दयाशंकर सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
- इसके बाद भी मायावती के निर्देश पर बीएसपी कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के हजरतगंज में प्रदर्शन किया।
- इस प्रदर्शन के दौरान बसाप नेताओं ने दयाशंकर की पत्नी स्वाति और उनकी बेटी को गालियां दी।
- इसके बाद स्वाती सिंह ने बसपा और मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
- एक बारगी तो ऐसा लगा जैसे स्वाति सिंह ने मायावती को करारा जवाब दिया।
- मौका देखकर भाजपा भी “बेटी के सम्मान में भाजपा मैदान में” के नारे में स्वाति के समर्थन में उतर आयी।
- दयाशंकर की गिरफ्तारी के बाद स्वाति सिंह ने जिस तरीके से बसपा के खिलाफ मोर्चा खोला और बसपा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
- उससे सवर्णों खासकर ठाकुर वोटों का ध्रुवीकरण हुआ है। अब भाजपा इस चुनाव में अपने अहम नेता को बाहर नहीं रखना चाहती।
दयाशंकर सिंह की बढ़ी मुश्किलें, दर्ज हुआ गबन का मामला!
स्वाति को मिलेगी अहम जिम्मेदारीः
- चुनाव से पहले भाजपा दयाशंकर को पार्टी में वापस लाने की तैयारी कर रही है।
- इसके साथ ही स्वाति सिंह की भी राजनीति में शानदार एंट्री की तैयारी हो रही है।
- स्वाति सिंह को सूबे में बीजेपी की महिला ईकाई में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
- पार्टी सूबे में ठाकुरों के प्रभाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में दयाशंकर और उनके परिवार की लोकप्रियता भुनाने की तैयारी में है।