एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश पुलिस ने महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के लिए “नारी सुरक्षा सप्ताह” चलाकर कार्यक्रम के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर वाहवाही लूटी। लेकिन दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर पुलिस का ये “सुरक्षा कवच” खोखला दिखाई दे रहा है। अभियान के बाद से कई महिलाओं की बलात्कार और हत्या की घटनाएं प्रदेश में सामने आईं।
वारदातों का ये सिलसिला लगातार जारी है। दरिंदे बेटियों और महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं। लेकिन पुलिस महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। महिलाओं की सुरक्षा हो भी कैसे जब पुलिसवाले ही बेटियों को छेड़ रहे हैं। ये हम नहीं बल्कि पिछले दिनों गोमतीनगर थाने के सिपाही गौरव प्रताप ने एक छात्रा से छेड़छाड़ की थी। छात्रा ने जब एसएसपी के सामने ये मामला उजागर किया तो एसएसपी दीपक कुमार ने उसे निलंबित कर दिया था।
ताजा मामला हाथरस जिला का है, यहां एक युवती से छेड़छाड़ करने का मामला प्रकाश में आया है। युवती के विरोध करने पर आरोपी ने युवती पर धारदार हथियार से वार कर उसे घायल कर दिया। युवती के हाथ व सिर में गंभीर चोटें आई है। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। युवती के भाई की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज तो कर लिया है लेकिन अभीतक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
जानकारी के मुताबिक, हाथरस जंक्शन थाना क्षेत्र के गांव नगला दौजी में खेत पर जा रही युवती से रास्ते में गांव के ही 2 युवकों ने छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब युवती ने छेड़छाड़ का विरोध किया तो दबंगों ने युवती पर धारदार हथियार से कई वार किए। जिससे युवती बुरी तरह घायल हो गई। हमला करने के बाद दबंग वहां से भाग गए। लहूलुहान हालत में युवती घर पहुंची तो घर वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुँची पुलिस ने युवती को जिला अस्पताल मे भर्ती कराया।
पुलिस ने युवती के भाई की तहरीर पर केस दर्ज कर आरोपियों को तलाश शुरु कर दी है। युवती के परिजनों का आरोप है कि दबंगों के आतंक का अंत यही नहीं हुआ। दबंगों ने अपने लोगों के माध्यम से युवती के परिजनो पर फैसला करने और मामला वापस लेने का दबाव बनाया।
ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर सूबे के मुख्यमंत्री महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर महिलाओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। हालांकि इस घटना के बाद से युवती के परिजन काफी भयभीत हैं। उन्होंने जल्द की अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग की है। अब ये देखने वाली बात होगी कि पुलिस आरोपियों को कब गिरफ्तार कर पाती है।