श्रमजीवी विस्फोट कांड को करीब 11 साल हो चुके हैं, जिस पर आज 29 जुलाई को कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है।
28 जुलाई 2005 को हुई थी घटना:
- उत्तर प्रदेश के जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस में हुए विस्फोट के मामले को आज 11 साल पूरे हो चुके हैं।
- 28 जुलाई 2005 को हुए विस्फोट कांड का फैसला आज 29 जुलाई 2016 को आ सकता है।
- इस घटना में 13 लोग मारे गए थे और दर्जनों लोग घायल हुए थे।
- मामला अपर सत्र न्यायाधीश बुधिराम की अदालत में है, जिसमें करीब 7 आरोपी लोगों पर मुक़दमे की सुनवाई की जा रही है।
- आज आरोपी ओबेदुर्रहमान व आलमगीर उर्फ़ रोनी के मामलों की सुनवाई की जाएगी।
- अन्य आरोपी हिलाल और नफीकुल विश्वास अन्य मामलों के तहत आंध्र प्रदेश के हैदराबाद जेल में बंद हैं।
- विस्फोट का मास्टरमाइंड शरीफ और कंचन अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है।
- इसके अलावा एक अन्य आरोपी याहिया उर्फ़ गुलाम पजदानी को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था।
- इसके अलावा आरोपी डॉक्टर सईद के नाम पता की जांच आज तक पूरी नहीं हो पाई है।
न्याय का इन्तजार:
- 28 जुलाई 2005 को हुए श्रमजीवी विस्फोट मामले में मृतकों के परिजनों को आज न्याय मिलने की उम्मीद है।
- करीब 11 साल बाद आज ये फैसला आएगा।
- मृतक अमरनाथ के परिजन, घायल मदनलाल सेठ, उनका लड़का शिवम सेठ, गोरखनाथ निषाद, रीतेश आदि को न्याय की उम्मीद है।
- दो जीआरपी के गवाह कांस्टेबल सुरेश यादव और श्यामजी ने विस्फोट वाले दिन वाराणसी के प्लेटफार्म नंबर-9 पर रोनी और हिलाल को विस्फोट वाले डिब्बे में घबराए हुए झांकते हुए देखा था।
- दोनों ने आरोपियों को कोर्ट में पहचाना इसके अलावा कुछ अन्य घायल गवाहों ने विस्फोट वाले डिब्बे में इन्हीं आरोपियों से मिलते-जुलते व्यक्तियों को देखना बताया था।