उत्तर प्रदेश में एक ओर जहाँ डेंगू का कहर आतंक बन चुका है, वहीँ स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों की लापरवाही का रवैया अपने चरम पर है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल में डेंगू के एक मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया गया।
मरीज ने घर पर तोड़ा दम:
- उत्तर प्रदेश में डेंगू का कहर अपने चरम पर है साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का आलम भी कुछ ऐसा ही है।
- राजधानी लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल में डेंगू के एक मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया।
- जिसके बाद मरीज ने घर पर ही इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया।
- चौक निवासी जमील अहमद के बेटे रफीक (28) की शुक्रवार को इलाज के अभाव में मौत हो गयी।
- जिसके बाद परिवार के लोगों ने इसके लिए बलरामपुर अस्पताल की गलती बताया है।
- इससे पहले रफीक का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था, रफीक की हालत में सुधार होते न देख उसे बलरामपुर रेफर किया गया था।
- लेकिन अस्पताल ने बेड न खाली होने की बात कहकर मरीज को लौटा दिया, जिसके बाद रफीक की मौत हो गयी।
डेंगू मरीज का शव रखकर सीतापुर रोड पर प्रदर्शन:
- वहीँ एक अन्य मामले में जानकीपुरम के नौवाखेड़ा गांव के पास झोपड़पट्टी डालकर रहने वाले मजदूर लालता प्रसाद की मौत हो गयी है।
- लालता प्रसाद की पत्नी उमादेवी ने बताया कि, तीन दिल इलाज के बाद पति की डेंगू से मौत हो गयी थी।
- जिसके बाद उमादेवी ने सेवा अस्पताल के बाहर रोड पर शव रखकर प्रदर्शन किया।
- उमादेवी ने अपने पति की मौत के बाद मुआवजे की मांग की है।
- वहीँ प्रदर्शन के चलते हाई-वे के दोनों ओर लम्बा जाम लग गया है।
- मृतक के घर में पत्नी समेत चार बच्चे हैं।
स्वास्थ्य विभाग को अब याद आ रहा है एंटी-लार्वा:
- प्रदेश में चौतरफा डेंगू की आफत के बाद स्वास्थ्य विभाग को अब एंटी-लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है।
- रहीमाबाद में बचाव के लिए सीएचसी पर फीवर हेल्प डेस्क की शुरुआत की गयी थी।
आम लोगों ने दी 50 एंटी लार्वा मशीनें:
- वहीँ राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग की नाकाम कोशिशों के बाद लखनऊ व्यापार मंडल ने 50 एंटी लार्वा मशीनें प्रशासन को दी हैं।
- कलेक्ट्रेट के डॉ० अब्दुल कलाम सभागार में व्यापर मंडल के पदाधिकारियों ने यह मशीनें सीएमओ को सौंपी।
- गौरतलब है कि, व्यापार मंडल ने इससे पहले भी प्रशासन को 50 मशीनें उपलब्ध करायी थी।
सरकार के झगड़े से ध्वस्त हुई उत्तर प्रदेश की व्यवस्था:
इतने दिनों से उत्तर प्रदेश सरकार में चल रही उठापटक का असर अब सूबे के ढांचे पर पड़ने लगा है। समाजवादी परिवार के घमासान के बाद पार्टी में दो धड़े बन गए हैं, वहीँ सीएम अखिलेश भी प्रदेश की आम जनता और उसकी सहूलियतों को भूल से चुके हैं। शहर में डेंगू का प्रकोप उनके ही अधिकारियों की देन है, वहीँ उनकी लापरवाही अभी तक जारी है, जिस पर सीएम को कार्रवाई करनी चाहिए थी। वहीँ प्रदेश में भीषण डेंगू के बावजूद शहर के बड़े अस्पतालों में सुविधाएँ कम क्यों हैं? सीएम अखिलेश को सिर्फ जुमलों के बजाय हकीकत में प्रदेश की जनता की स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखना होगा, जो लापरवाह अधिकारियों को निलंबित किये बिना संभव नहीं है।