देवरिया के नारी संरक्षण गृह में सेक्स रैकेट संचालित करने की आरोपित गिरिजा त्रिपाठी पर अफसरों की मेहरबानी हमेशा रही। सचल पालना गृह घोटाले में सीबीआई लखनऊ ने 23 जुलाई को गिरिजा को उसके बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया था, तब वह सीबीआई अफसरों के सामने बार-बार यही कह रही थी कि ‘हमने सब ठीक किया है’।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि जल्द गिरिजा एक बार फिर नए केस में सीबीआई के घेरे में होगी। अधिकारियों के लिए तो गिरिजा की संस्था मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान मानो नवरत्नों में शामिल थी। इसके चलते सचल पालना गृह योजना के तहत जिन नौ संस्थाओं को प्रशिक्षण के नाम पर लाखों रुपये दिए गए थे, उनमें गिरिजा की संस्था भी शामिल थी। उसकी संस्था को 6.60 लाख रुपये का भुगतान हुआ था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आरोपित गिरिजा के रसूख कितने गहरे रहे हैं। गिरिजा से सीबीआई ने को 23 जुलाई को लखनऊ बुलाकर पूछताछ की थी। सूत्रों के अनुसार तब उसके तेवर एकदम चढ़े थे। वह सीबीआई अधिकारियों को उल्टा दबाव में लेने का प्रयास कर रही थी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने देवरिया में नारी संरक्षण गृह में चल रहे सेक्स रैकेट मामले की सीबीआई जांच कराने का निर्णय लिया है। साक्ष्यों से छेड़छाड़ न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने एडीजी क्राइम के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) गठित कर दी है। इसमें एसपी ईओडब्ल्यू राकेश पुष्कर व एसपी ट्रेनिंग मेरठ पूनम को शामिल किया गया है। सरकार ने एसटीएफ को एसआईटी की मदद करने के निर्देश दिए हैं। देवरिया के डीएम रहे सुजीत कुमार को लापरवाही के मामले में आरोप पत्र दिया गया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी और प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी को निलंबित करते हुए उन्हें भी चार्जशीट दे दी गई है।
देवरिया कांड की जांच कर रही महिला कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार और एडीजी महिला हेल्पलाइन अंजू गुप्ता की टीम ने बालिकाओं के बयान लेने के बाद मंगलवार शाम अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी। रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार करने के बाद रात साढ़े नौ बजे प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देवरिया मामले में बालिकाओं के बयान बेहद गंभीर हैं। उन्होंने बताया कि मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण समाज सेवा संस्थान वर्ष 2009 से संचालित हो रहा था। पूर्व की सरकारों में इस संस्था को काफी बढ़ावा मिला।
उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों के इस पाप को देखते हुए इस संस्था के सभी कामों की जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी शामिल होंगे किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने इसकी सीबीआइ जांच कराने का फैसला किया है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। उन्होंने कहा कि एसआईटी का नेतृत्व एडीजी क्राइम संजय सिंघल करेंगे। इसमें दो महिला अधिकारी एसपी ईओडब्ल्यू राकेश पुष्कर व एसपी पीटीसी मेरठ पूनम को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि देवरिया की बाल कल्याण समिति को बड़ी लापरवाही के कारण निलंबित कर दिया गया है। समिति का गठन भी वर्ष 2015 में हुआ था। इस पर संरक्षण गृह के निरीक्षण की जिम्मेदारी थी लेकिन इसने भारी लापरवाही बरती।