2019 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में मोदी लहर को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन किया है। दोनों ही पार्टियां कह रही है कि उनका ये गठबंधन लोकसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता से बाहर कर देगा। बसपा सुप्रीमों मायावती ने गठबंधन पर मोहर लगाते हुए कहा था कि दोनों पार्टियों का अलाइंस हो चुका है केवल सीटों का बंटवारा बाकी है जिसके बाद इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा। बसपा और सपा भले इस गठबंधन को निभाने के कितने दावे करते हों लेकिन उत्तर प्रदेश में एक लोकसभा सीट ऐसी है जिसे लेकर दोनों पार्टियों के बीच दरार आ सकती है।
सलेमपुर सीट पर हो सकती है अनबन :
सपा और बसपा के गठबंधन के तहत टिकट बँटवारे के दौरान सियासी तूफान आने का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। ये अंदाजा देवरिया के सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र के लिये है। पिछली बार टिकट पाकर मोदी लहर के भरोसे जीत हासिल करने वाले भाजपा प्रत्याशी का इस बार टिकट कटने की चर्चाएँ जोरों पर हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के प्रस्तावित गठबन्धन में ये सीट किसके हाथ जाएगी, अभी तय नहीं हो पाया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रही बसपा इसकी प्रबल दावेदार है। हालाँकि प्रत्याशियों के चयन के बाद ही इस इस बात का अंदाजा होगा कि यह सियासी तूफान किस हद तक खतरनाक साबित हो सकता है।
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वर्तमान में काबिज है भाजपा :
उत्तर प्रदेश की देवरिया की सलेमपुर एक पुराणी तहसील है। इस नाम से विधानसभा के साथ ही इसकी संसदीय सीट भी है। कुछ हद तक ये जिला बिहार प्रान्त की सीमा से सटा हुआ है। वहीँ इस लोकसभा क्षेत्र की सरहद पड़ोसी जिले बलिया जिले में भी है। 1991 में उपजे जनता दल के लहर के साथ बाद के चुनाव की तस्वीरों पर नजर डालें तो ऐसा दिखता है कि इस सीट पर वर्तमान में काबिज भारतीय जनता पार्टी का प्रभाव पहले कभी नही रहा है। वर्तमान में इस सलेमपुर लोकसभा सीट से मोदी लहर में जीते भारतीय जनता पार्टी के नेता रविन्द्र कुशवाहा सांसद बने हैं।