एक तरफ जहां केंद्र सरकार आधार कार्ड को गुप्त पहचान बताकर इसे सुरक्षित रखने का दावा कर रही है। वहीं उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार ने करीब 14000 लोगों के आधार नंबर के साथ निजी जानकारी भी डिजिटली रूप से सार्वजनिक कर दी है। हालांकि इस मामले में अभी किसी जिम्मेदार को जानकारी भी नहीं है और जिम्मेदार इस पर कुछ बोलने से बच रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री सुरेश खन्ना के अंडर में आने वाला राज्य नगरीय विकास अभिकरण सूडा उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्रों की सूची की लिस्ट के साथ करीब 14000 लोगों के आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर सार्वजनिक कर दिए हैं। इससे विभाग में हलचल है, वहीं सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं। इस लिस्ट के अनुसार, आवेदक का सर्वे कोड, नाम, पिता का नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और वर्तमान पता के साथ स्थाई पता भी सार्वजनिक कर दिया गया है।
गौरतलब है कि खाते में सरकार की योजनाओं का लाभ पाने के लिए सभी का आधार कार्ड हर योजना में लिंक कराया गया है। लेकिन खातों के लेन-देन से लेकर सभी व्यक्तिगत जानकारी स्वतंत्र रूप से उत्तर प्रदेश के सूडा की सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिसे वेबसाइट पर लॉग ऑन करते ही कोई भी चुरा सकता है और इसका गलत इस्तेमाल कर सकता है।
बता दें कि आधार अधिनियम की धारा 29 (4) के अनुसार किसी भी व्यक्ति की आधार संख्या का प्रकाशन करना गैर कानूनी है। बता दें इससे पहले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को आधार नंबर प्रकाशित करने के लिए 10 साल के लिए एक आधार सेवा प्रदाता को ब्लैकलिस्ट कर चुका है। वर्तमान में, सुप्रीम कोर्ट आयकर रिटर्न दाखिल करते समय आधार संख्या प्रदान करने के लिए सरकार के फैसले की वैधता पर विचार कर रहा है।