uttarpradesh.org टीम अयोध्या और फ़ैजाबाद पहुंची और वहां नगर निगम बनाये जाने को लेकर क्या प्रतिक्रिया हैं और वहां इसके पहले क्या हालात रहे, सभी मुदों पर बात कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की. आइये, आपको अयोध्या और फ़ैजाबाद के इलाकों की जमीनी हकीकत से रूबरू कराते हैं. यहाँ के लोगों ने घाटों पर गन्दगी को लेकर जो कुछ कहा वो आपको सुनाते हैं.
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घाटों पर गन्दगी के लिए जिम्मेदार नगर पालिका:
- अयोध्या में बने घाटों की गन्दगी का नजारा देख वहां की जनता पिछली सरकारों और नगर पालिका को कोसते नहीं थकती.
- वहीँ उनका कहना है कि नगर निगम बनने से एक उम्मीद जगी है कि शायद कुछ भला हो सके.
- महंत हनुमान दास कहते हैं कि विवाद की बात सुनकर कान पक गए हैं.
- राम मंदिर का मुद्दा कोर्ट में है लेकिन इसके इतर भी मुद्दे हैं जिनपर ध्यान देने की जरुरत है.
गरीब लोग बोतलबंद पानी खरीदकर पीने में असमर्थ हैं.
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आवारा पशुओं की भरमार:
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- सरकारों को इसपर ध्यान देना चाहिए.
- वो बताते हैं कि मुख्यमंत्री के आने के पूर्व कुछ सफाई हुई लेकिन ये नाकाफी है.
- उनका कहना है कि योगी आदित्यनाथ की पहल अयोध्या को सुधार सकती है लेकिन नगर निगम निगम कितना काम करेगा इसका जवाब अभी अधूरा है.
- वहीँ उनका कहना है कि घाटों के आसपास शौचालय नहीं है.
- बाहर से आये लोगों के रहने की उचित व्यवस्था नहीं है.
- गन्दगी का अम्बार लगा है लेकिन यहाँ के अधिकारी कुछ सुनने को तैयार नहीं है.
- नगर पालिका की उदासीनता भी लोगों की चिंता बढ़ाती रही है.
- उनका कहना है कि अगर नगर पालिका ने ठीक से काम किया होता तो अयोध्या की स्थिति बेहतर होती.
- गायें खुले में घूम रही हैं, कुत्ते घूम रहे है.. इन सब के बीच अयोध्या नगरी चुनाव में जंग का मैदान बन चुकी है.
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