उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने बुधवार को राजधानी लखनऊ के महानगर स्थित रेडियो मुख्यालय में ‘पुलिस रेडियो मेल सेवा’ का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम के शुभारम्भ के दौरान तमाम पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
डीजीपी ने बताया कि जी मेल की तरह अब यूपी पुलिस की अपनी पुलिस रेडियो मेल होगी। मेल सेवा को पुलिस विभाग के आधिकारिक आंतरिक संवाद के लिए लॉन्च किया गया है। पुलिस रेडियो मुख्यालय की टीम ने इसे तैयार किया है। अभी तक यूपी पुलिस में क्यू मेल का इस्तेमाल हो रहा था। लेकिन इसमें कई तकनीकी खामियां होने के चलते अब इसे पुलिस रेडियो मेल से रिप्लेस किया जाएगा। पुलिस रेडियो मेल में पांच साल तक का डेटा सुरक्षित रहेगा। कार्यक्रम के दौरान डीजीपी ने रेडियों मुख्यालय भवन का निरीक्षण भी किया। रेडियों मुख्यालय में कार्यरत पुलिसकर्मियों ने डीजीपी को तकनीकी जानकारियां भी दी।
डीजी टेलिकॉम पीके तिवारी ने बताया कि पुलिस विभाग की इस आंतरिक मेल सेवा को शुरू करने में साफ्टवेयर के अलावा कोई खर्च नहीं आया है। रेडियो मुख्यालय के विशेषज्ञों ने इस मेल सेवा के लिए यूपी 100 के सर्वर का इस्तेमाल किया है। इस मेल को सिर्फ आफिस के सिस्टम पर ही खोला जा सकेगा। इसमें वॉटस ऐप की तरह यह पता रहेगा कि मेल को कब और किसने खोला और कितने बजे पढ़ी गई/ एडमिन इसमें पोर्टल के मेसेज देख सकेगा।
उन्होंने बताया कि क्यू मेल में स्टोरेज क्षमता काफी कम थी। 10 मेल से ज्यादा होने पर नया मेसेज शो नहीं करता था। इसमें ऐसा नहीं होगा। स्टोरेज की असीमित क्षमता होगी और पांच साल तक डेटा सुरक्षित रहेगा। डीजी के मुताबिक इसमें पुलिस विभाग के तय प्रारूप में ही संदेश होगा और उसकी कानूनी मान्यता होगी। उसे जब भी डाउनलोड किया जाएगा वह पुलिस फार्म में ही दिखेगा। आंतरिक मेल सेवा को तैयार करने में एआरओ टेक्निकल संजय कन्नौजिया और उनकी टीम की अहम भूमिका है।
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