पिछले 04 नवम्बर 2016 को तत्कालीन एसपी हरदोई राजीव महरोत्रा के लखनऊ स्थित आवास से हरदोई पुलिस की सरकारी गाड़ी यूपी 30जी 0219 के चोरी होने के मामले में डीजीपी कार्यालय ने एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को सूचना देने से मना कर दिया है।

इस मामले में पूर्व में आईजी ज़ोन कार्यालय लखनऊ द्वारा दी गयी सूचना के अनुसार पूर्व डीआईजी प्रवीण कुमार की जाँच आख्या दिनांक 30 नवम्बर 2016 में यह गाड़ी राजीव महरोत्रा द्वारा निजी उपयोग के लिए सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त किये बिना ही अपने शालीमार इम्पीरियल, लखनऊ स्थित आवास पर लाये जाने की बात सामने आई थी।

वाहन और वायरलेस सेट की चोरी से शासकीय धन और विभागीय प्रतिष्ठा की हानि के लिए महरोत्रा को दोषी बताते हुए उनसे व्यक्तिगत वसूली की संस्तुति की गई थी, जिसे पूर्व आईजी जोन ए सतीश गणेश ने डीजीपी कार्यालय को कार्यवाही हेतु भेजी गयी। अब डीजीपी कार्यालय ने थाना हजरतगंज में गाड़ी चोरी का मुक़दमा दर्ज होने के नाम पर सूचना देने से मना कर दिया है। नूतन के अनुसार इतने गंभीर मामले में कोई कार्यवाही नहीं किया जाना तथा सूचना छिपाने का प्रयास करना चिंता का विषय है।

ये भी खास- हाई कोर्ट आदेश पर मुख्य सचिव ने कल अमिताभ को बुलाया

मुख्य सचिव राजीव कुमार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को कल (25 जनवरी 2018) को प्रातः 10.30 बजे अपने कार्यालय में व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाया है।

अमिताभ ने पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन तथा पूर्व प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पांडा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने राजनैतिक दवाब में अमिताभ के निलंबन संबंधी मामले में अनेक फर्जी अभिलेख तैयार कराये जिनके आधार पर उनका निलंबन दो बार विधिविरुद्ध तरीके से बढ़ाया गया।

उनके द्वारा बार-बार शिकायत किये जाने पर भी इसकी जाँच नहीं होने पर उन्होंने याचिका दायर किया था जिसपर कोर्ट ने मुख्य सचिव को गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर अमिताभ ने अवमानना याचिका दायर किया था, जिसमे कोर्ट ने मुख्य सचिव को नोटिस दिया था, जिसके बाद राजीव कुमार ने उन्हें इस मामले में व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाया है।

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