बरेली पहुंचे उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने आज जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में कहा कि दोषी पांच पुलिसकर्मियों पर एनएसए की कार्यवाही की जाएगी। वहीं विधायकों को धमकी मामले में उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक 22 मुकदमें दर्ज किए जा चुके हैं। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से विधायकों को धमकी भरा व्हाट्सअप पर मैसेज मिल रहे थे। जिसके बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था।
यूपी सहित अन्य प्रदेशों के विधायकों को भी मिली है धमकी
बरेली पहुंचे डीजीपी ओपी सिंह ने विधायकों को धमकी मामले में बताया कि धमकी भरा मैसेज केवल यूपी के विधायकों को ही नहीं मिला है बल्कि पूरे देश मे इस तरह की धमकियां मिली है। दिल्ली में इन्फॉर्मेशन कमिश्नर को भी धमकी मिली है, मध्यप्रदेश और राजस्थान समेत कई जगहों पर इस तरह की धमकियां मिली है। कई ऐसे भी है एमएलए नहीं है। दिल्ली में ब्यूरोक्रेट को धमकी मिली है। सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी से बात कर रहे है। मुख्यमंत्री भी चिंतित है। इस मामले में 22 मुकदमे दर्ज किए गए है। पुलिस विधायको के साथ है।
पुलिसकर्मियों पर चल रही है एनएसए की कार्रवाई
जहरीली शराब मामले पर डीजीपी ने बताया कि इस कानपुर से पहले बाराबंकी में भी इस तरह से लोगों की मौत हुई थी। हमने सख्त कार्यवाही की है। हमने 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है। हम पुलिसकर्मियों पर एनएसए की कार्यवाही कर रहे है। हमने सपा नेता के घर छापा मारा जिसमें जहां पर जहरीली शराब बन रही थी हम उन पर भी एनएसए लगाने जा रहे है। आबकारी विभाग ने भी अपने अधिकारियों को सस्पेंड किया है।
प्रोफेशनल हैकर्स का हो सकता है काम
भाजपा विधायकों को व्हाट्स एप पर मैसेज भेजकर धमकाने के मामले में अब तक एसटीएफ के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लग पाया है। अलबत्ता इस मामले में प्रोफेशनल हैकर्स का हाथ होने की संभावना जताए जाने के बाद से जांच एजेंसियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। जांच अधिकारी यह मान रहे हैं कि इस मामले में प्रोफेशनल हैकर्स का काम हो सकता है। जो कि सॉफ्टवेयर की मदद से ‘आईपी मास्किंग के जरिए यह मैसेज भेज रहे हैं। ऐसे में उन्हें ट्रेस करने के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसियों की मदद पर ही निर्भर होना पड़ रहा है। आईपी मास्किंग से उलझी जांच नया मोड़ तब आ गया, जब तकनीकी पड़ताल में ‘आईपी मास्किंग का इस्तेमाल होने की बात उजागर हुई। यानि मैसेज भेजने वाला शख्स सॉफ्टवेयर की मदद से असल आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) एड्रेस छुपाकर प्रॉक्सी (छद्म) आईपी एड्रेस का इस्तेमाल कर रहा है।