Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

बढ़े डीजल के दाम ने बिगाड़ा घरेलू बजट, ट्रांसपोर्ट किराया भी महंगा

diesel-prices-increased in-house-budge spoiled transport fare expensive

diesel-prices-increased in-house-budge spoiled transport fare expensive

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जारी तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है. आठ महीने के भीतर डीजल के दाम में दस रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। जिसका असर घरेलु बजट पर भी पड़ना शुरू हो गया है.

10 रुपये लीटर बढ़ा डीजल का दाम:

आठ महीने के भीतर डीजल के दाम में दस रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से शहर में माल ढुलाई करने वाले डाला चालकों ने 100 रुपये तक रेट बढ़ा दिया है। बड़े ट्रांसपोर्टरों ने भी किराए में 8 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है, लेकिन अभी दाल सहित कई खाद्यान्नों का भरपूर स्टॉक है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, स्टॉक होने के कारण ही खाद्यान्न के दाम नहीं बढ़े हैं, लेकिन डीजल का रेट इसी तरह बढ़ता रहा तो कुछ दिनों में लोगों का घरेलू बजट बिगड़ना तय है। यही नहीं, धान की खेती की लागत और प्लास्टिक प्रॉडक्ट के दाम भी बढ़ सकते हैं।

भाड़े में 10% की बढ़ोतरी:

बड़े ट्रांसपोर्टरों ने किराए में 8 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी की है। उप्र द ट्रक ऐंड ट्रांसपोर्ट असोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अवस्थी ने बताया कि अगर एक ट्रक औसतन तीन किलोमीटर प्रति लीटर का एवरेज देता है तो डीजल के दाम में एक रुपये की बढ़ोतरी होने पर प्रति तीन किलोमीटर पर एक रुपये का अतिरिक्त चार्ज आ जाता है।

इस तरह 100 किलोमीटर पर 33 रुपये का अंतर आएगा। ऐसे में डीजल के दाम में दस रुपये की बढ़ोतरी होने से 100 किमी पर प्रति गाड़ी 330 से 350 रुपये का किराया बढ़ा है।

तारीख रेट: (रुपये प्रति लीटर में)

-1 नवंबर 2017: 58.94

-01 दिसंबर 2017: 59.52

-1 जनवरी 2018: 60.63

-01 फरवरी 2018: 64.40

-1 मार्च 2018: 62.81

-अप्रैल 2018: 64.65

-22 मई 2018: 68.23

अब बढ़ेंगे प्लास्टिक के दाम:

डीजल के दाम में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर प्लास्टिक से बनने वाले प्रॉडक्ट पर होगा। स्टेशनरी असोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि प्लास्टिक का निर्माण डीजल और पेट्रोल से रिफाइनरी के दौरान निकले कचरे से होता है।

इसमें एक दानानुमा प्रॉडक्ट निकलता है। पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी होने से प्लास्टिक का दाम भी बढ़ना तय है। इसके अलावा प्लास्टिक से बनने वाले फर्नीचर और होम अप्लायंस के दाम भी बढ़ सकते हैं।

कृषि पर भी असर:

डीजल की मार से किसान भी अछूते नहीं रहेंगे। कृषि क्षेत्र में ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, थ्रेसर और पंपसेट सिर्फ डीजल के सहारे हैं। अब एक-डेढ़ महीने बाद धान की रोपाई शुरू होनी है।

ऐसे में डीजल के रेट कम न हुए तो धान की खेती की लागत बढ़ सकती है। इसके बाद किसानों के लिए लागत मूल्य निकलना भी मुश्किल हो जाएगा।

डीजल के दाम बढ़ने के बावजूद खाद्य पदार्थ के रेट ज्यादा नहीं बढ़े हैं। व्यापारी इसका कारण अनाज के भरपूर स्टॉक को बता रहे हैं। दाल कारोबारी भारत भूषण ने बताया कि केंद्र सरकार के पास फिलहाल 20.50 लाख टन अरहर दाल का स्टॉक है। इस कारण अरहर दाल के दाम पर बहुत असर नहीं पड़ा है।

रंगदारी मामला: यूपी 25 विधायकों को मिली जान से मारने की धमकी

Related posts

मेरठ – नौचंदी के पटेल मण्डप में चल रही है जोरदार वोटिंग

kumar Rahul
7 years ago

घोड़े पर जुल्म को लेकर 5 लोगो के खिलाफ केस दर्ज

kumar Rahul
7 years ago

संभल: महिला से गैंगरेप के बाद मंदिर की यज्ञशाला में जिंदा जलाया

Sudhir Kumar
6 years ago
Exit mobile version