उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से आज राजभवन में प्रदेश के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शिष्टाचारिक भेंट की। राज्यपाल ने पुलिस महानिदेशक को अपनी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’, वार्षिक रिपोर्ट ‘राजभवन में राम नाईक 2016-17’ तथा स्मारिका ‘लोकमान्य’ की प्रतियाँ भेंट की।
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पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लागू कराने की करेंगे सिफारिश
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने आज डालीबाग में डीजीपी मुख्यालय में अपना कार्यभार संभाल लिया। डीजीपी ओपी सिंह ने चार्ज लेने के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने की बात कही। इसके बाद वह मीडिया से रूबरु हुए। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि प्रदेश की हर महिला, बच्चे तथा आमजन को सुरक्षा देना मेरा पहला काम है। उन्होंने कहा कि हम जनता में सुरक्षा की भावना और मजबूती से पैदा करेंगे। बदमाश गोली चलाएंगे तो पुलिस मुंहतोड़ जवाब देगी। पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लागू कराने की सिफारिश करेंगे। हम चाहेंगें पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू हो।
यूपी का डीजीपी बनना मेरे लिए गर्व की बात
उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हमारे सभी आफीसर्स काफी अच्छा काम करेंगे। हमारे पास बहुत अच्छी टीम है। ओपी सिंह ने माना प्रदेश की कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है कि मैं एक बहुत ही अच्छे पुलिस बल का मुखिया बनाया गया हूं। जिसका अपना एक इतिहास रहा है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अपराधी सामने आएंगे और गोली चलाएंगे तो पुलिस उनसे निपटेगी।
अपराधियों को गिरफ्तार करना होगी प्राथमिकता
लखनऊ में हो रही ताबड़तोड़ डकैती पर बोलते हुए कहा कि समाज में अपराध होते रहते है। उन्होंने कहा कि हमारे सामने बहुत चुनौतियां है। इन चुनौती का सामना करने के लिए हमारे पास हैं अच्छे ऑफिसर मौजूद है। डीजीपी ने कहा कि महिलाओं, कमज़ोर वर्ग के लोगों को सुरक्षा देना उनकी पहली प्राथमिकता में शामिल में रहेगा। उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ समय से यूपी में अच्छी कानून व्यवस्था बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता अपराधी को गिरफ्तार करना है।
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उन्होंने पद्मावत के विरोध पर कहा कि सही समय पर सही कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से यूपी में कानून व्यवस्था अच्छी हुई है। पुलिस की सर्विस, रिस्पांस टाईम को हम सुधारेंगे। ओपी सिंह ने बताया कि मुझे अपने ही कॉडर के पुलिस मुखिया बनने पर बेहद प्रसन्नता है। मुझे गर्व है कि मैं उत्तर प्रदेश का पुलिस महानिदेशक बना। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी फोर्स के सामने कई बड़े टास्क हैं। मेरा पहला प्रयास सर्विस डिलेवरी तेज करना है। भरोसा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के रुख में भी अब पेशेवर रुख आएगा। पिछले कुछ समय से प्रदेश में कानून-व्यवस्था को तेजी से सुधारने का काम चल रहा है। मेरा प्रयास इसको गति देने का होगा।
सड़क सुरक्षा व ट्रैफिक व्यवस्था भी महत्वपूर्ण मुद्दा
डीजीपी ने कहा कि इसके साथ ही विवेचना में गुणवक्ता लाना और सड़क सुरक्षा व ट्रैफिक यहां पर महत्वपूर्ण मुद्दा है। हम इन सभी पी बेहतर कार्ययोजना के साथ काम करेंगे। हम पूरी भावना से काम करेंगे। हमारे पास काफी अच्छे पुलिस ऑफिसर्स हैं। टीम भावना के साथ काम समय से तथा काफी अच्छे ढंग से होगा।
जनता का भरोसा होगा जीतना
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हमको प्रदेश की जनता का भरोसा जीतना होगा। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश की पुलिस प्रोफेशनल तरीके से काम करेगी ताकी सभी पुलिसकर्मियों को काम करने में कोई दिक्कत ना हो। उन्होंने कहा कि हमारे पास मजबूत पुलिस फोर्स है। हम दिक्कतों का डटकर सामना करेंगे। उन्होंने कहा कि पीड़ितों की हर संभव मदद की जायेगी। ऐसा माहौल बनाया जायेगा कि कोई भी थाने जाने से ना घबराये।
आईपीएस ओपी सिंह के पास है ढ़ाई साल का लंबा कार्यकाल
बता दें कि यूपी डीजीपी की रेस में बड़ा फेरबदल करते हुए आईपीएस ओपी सिंह का डीजीपी बनाया गया है। 1983 बैच के आईपीएस अफसर ओपी सिंह को प्रदेश का पुलिस मुखिया बनाया गया। ओपी सिंह डीजी सीआईएसएफ के पद पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रहे थे। ओपी सिंह सीनीयरटी में सबसे लंबे कार्यकाल वाले 7वें नंबर के अफसर हैं।
उनके पास लंबा कार्यकाल और अनुभव बना है। ओपी सिंह के पास काम करने के लिए ढ़ाई साल का लंबा वक्त है। गौरतलब है कि योगी सरकार एक ऐसे अफसर की तलाश कर रही थी जिसके पास आगामी लोकसभा चुनाव कराने तक का लंबा वक्त हो। सरकार के हिसाब से ओपी सिंह कसौटी पर खरा उतरते हैं।
लंबे कार्यकाल के बाद मूल कैडर में हुई वापसी
आखिरकार केंद्र सरकार ने सीआईएसएफ के प्रमुख ओपी सिंह को उनके कैडर उत्तर प्रदेश के लिए कार्यमुक्त कर दिया। अब वह राज्य के पुलिस महानिदेश (डीजीपी) की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह पिछले साल सितंबर से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के प्रमुख की भूमिका निभा रहे थे। सीआईएसएफ के कामकाज की व्यवस्था में कुछ बड़े बदलावों का श्रेय उनको दिया जाता है।
सीआईएसएफ का प्रमुख बनने से पहले वह राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख के तौर पर काम कर रहे थे। एनडीआरफ में उन्होंने कई बार अपने लोगों का आगे बढ़कर नेतृत्व किया। ओपी सिंह अल्मोड़ा (अब उत्तराखंड में), खीरी, बुलंदशहर, लखनऊ, इलाहाबाद और मुरादाबाद के एसएसपी रह चुके हैं। खीरी में उनका सबसे लंबा कार्यकाल डेढ़ वर्ष रहा। सबसे पहले बतौर ट्रेनी एएसपी वाराणसी में उनकी पहली नियुक्ति हुई थी।
काफी अनुभवी पुलिस अधिकारी हैं ओपी सिंह
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने पिछले साल 19 सितंबर 2016 को महत्वपूर्ण औद्योगिक और परमाणु प्रतिष्ठानों, नागरिक हवाई अड्डों और मेट्रो की रक्षा करने वाले आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह को नए महानिदेशक के रूप में पदभार ग्रहण करने के साथ अपने नए अध्यक्ष का पद संभाला। ओपी सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के 1983 बैच अधिकारी हैं, जो राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक के रूप में सेवा कर रहे थे।
उनका कार्यकाल जनवरी 2020 तक है। वीरता के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सजाया जाने वाले वर्तमान में एकमात्र डीजी रैंक के अधिकारी, एनडीआरएफ में कुछ बेहतरीन मानक संचालन प्रक्रियाओं की शुरुआत करने के लिए श्रेय दिया गया है और बड़े पैमाने के दौरान मैदान पर अपने लोगों का नेतृत्व किया है। नेपाल भूकंप बचाव और राहत कार्यों पिछले वर्ष उन्होंने एसपीजी, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ में पहले सेवा की थी। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के छात्र रहे हैं और और आपदा प्रबंधन में एमबीए की डिग्री उन्हें प्राप्त है।